ट्रेन की बात करें तो आज हमारे देश में विकास के लिये बुलेट ट्रेन की बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। वहीं दूसरी तरफ हमारे देश के एक हिस्से में एक ऐसी भी ट्रेन है जो ऑटो या बस के समान रुक-रुक कर चलती है। यह बातें आपको कुछ अटपटी सी जरूर लग रही होंगी पर यह बिल्कुल सच हैं।
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बुंदेलखंड के जालौन में चलने वाली यह ट्रेन सिर्फ नाम की ट्रेन है। इसकी खासियत यह है कि यह सड़क पर चलने वाले ऑटो और बस के समान है, जो दो गांव के बीच ही चलती है। यह ट्रेन 35 मिनट में 13 किमी की दूरी तय करती है और जगह-जगह पर लोगों के पड़ाव के मुताबिक रुक-रुक कर चलती है। इसमें 3 डिब्बे लगे होते हैं, जिसमें 500 तक लोग एक बार में सफर करते हैं। इसका किराया भी 5 रुपये है। यह दोनों गांव के बीच 5 बार चक्कर मारती है।
रुक-रुक कर चलने वाली इस ट्रेन के हालात अब ये हैं कि भले ही इसमें भरपूर सवारी बैठती है पर इसके रोज चलने के बाद भी इस ट्रेन से गार्ड तक की सैलरी नहीं निकल पाती।
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अंग्रेजों के शासन काल के समय से चल रही यह ट्रेन कभी मालगाड़ी हुआ करती है। जिसमें बाद में सवारी बैठने लगी। इस ट्रेन के चलने के दौरान आप रास्ते में हाथ देकर इसे रोक भी सकते हैं। जिसके चलते यहां के लोगों का कहना है कि इसे यदि बंद कर दिया जायेगा तो इस पुरानी धरोहर को सभी लोग भूल जायेंगे।