12 अक्टूबर को पृथ्वी के पास से गुजरेगा- 2012 टीसी4 नामक उल्का पिंड, वैज्ञानिकों में हलचल

-

12 अक्टूबर को अंतरिक्ष में कुछ ऐसा होने वाला हैं जिसके कारण दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नींद उड़ी हुई हैं। इस पूरी घटना के बारे में बताने से पहले आपका जानना जरूरी हैं कि आखिरकार उल्का पिंड होता क्या हैं तो सबसे आइये जानते हैं उल्का पिंड के बारे में।

क्या होते हैं उल्का पिंड –

उल्का पिंड अंतरिक्ष में घूमने वाली छोटे बड़े आकार की वह चट्टाने होती हैं जोकि अन्य ग्रहों की भांति सूर्य की परिक्रमा करती हैं। यह निरंतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाती दिखाई देती हैं। उल्का पिंड दो तरह के होते हैं, एक पाषाण उल्का पिंड तथा दूसरा धातु उल्का पिंड। कंकड़ के टुकड़े की भातिं उबड़ खाबड़ दिखने वाली यह चट्टाने आकार में कई बार काफी विशाल होती हैं। यूँ तो उल्का पिंड अंतरिक्ष में ही भर्मण करते हैं लेकिन कई बार यह धरती के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं जिससे इनमे आग लग जाती हैं। इस वजह से आकाश से गिरते समय यह बेहद चमकदार दिखाई पड़ते हैं। सामान्यत लोग इन्हें टूटता तारा समझते हैं।

क्या होने वाला हैं 12 अक्टूबर को-

दरअसल 12 अक्तूबर को 2012 टीसी4 नामक उल्का पिंड पृथ्वी के पास से गुजरेगा। इसी कारण दुनिया के वैज्ञानिकों में हलचल मची हुई हैं। यह उल्का पिंड 30,000 एम.पी.एच (14 किमी/सेंकड) की गति से पृथ्वी की ओर बढ़ता आ रहा हैं। 12 अक्टूबर गुरूवार को इस उल्का पिंड की पृथ्वी से दूरी 27,000 माइल्स होगी।

2012 टीसी4Image Source:

इस मामले को लेकर अमेरिकन स्पेस एजेंसी ”नासा” का कहना हैं कि इस उल्का पिंड से पृथ्वी को कोई ख़तरा नहीं हैं। नासा इस घटना का उपयोग, किसी छोटे ग्रह के खतरे से पृथ्वी को बचाने की अपनी क्षमता के परिक्षण के रूप में करेंगा। नासा के वैज्ञानिकों ने 2012 टीसी4 उल्का पिंड के बारे में बीती जुलाई में बताया था। उन्होंने कहा था कि यह उल्का पिंड पृथ्वी से 4200 माइल्स की दूरी से गुजर सकता हैं।

वैज्ञानिकों द्वारा इस उल्का पिंड का साइज़ 10 से 30 डायमीटर मीटर बताया जा रहा हैं। आपको बता दें कि साल 2013 में चेल्याबिंस्क नाम का एक उल्का पिंड रूस में गिरा था जिसके कारण रूस की 100 इमारतों को बड़ा नुकसान हुआ था इसके इलावा 1200 से अधिक लोग भी घायल हो गए थे। इस उल्का पिंड का साइज 20 मीटर डायमीटर था। फिलहाल वैज्ञानिक 2012 टीसी4 को लेकर किसी भी तरह के खतरे की बात को स्वीकार नहीं रहें हैं।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments