यहां पर सैनिकों को पीना पड़ता है जहरीले कोबरा का खून

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सेना के फौजियों को कई तरह की कठिन ट्रेनिंग से होकर गुजरना पड़ता है, वहीं कुछ ट्रेनिंग ऐसी होती है जिसकी कल्पनाभी नहीं की जा सकती है। इन्हीं ट्रेनिंग में से एक है जहरीले कोबरा के साथ की जाने वाली ट्रेनिंग। इस ट्रेनिंग के तहत इन्हें सांप को पकड़ना ही नहीं पड़ता, बल्कि पकड़ कर इसका खून भी पीना पड़ता है। इस ट्रेनिंग को कोबरा गोल्ड की ट्रेनिंग के नाम से जाना जाता है। जो ज्यादातर थाईलैंड के जंगलों में कराई जाती है। इस ट्रेनिंग को दो देश अमेरिका और थाइलैंड मिलकर करवाते है। इसका उद्देश्य होता है कि सैनिकों को हर परिस्थिति के लिए मजबूत बनाना।
ये ट्रेनिंग थाईलैंड के जंगलों में कराई जाती है। इस खतरनाक ट्रेनिंग में उन्हें यह सिखाया जाता है कि कोबरा का खून पीकर वो अपनी प्यास असानी से बुझा सकते हैं और पेट की आग को शांत करने के लिए उन्हें जिंदा मुर्गे को चीरकर खाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है।

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इस खतरनाक ट्रेनिंग को करने के लिए कई देशों के सैनिकों को इक्कट्ठा करके संयुक्त अभ्यास कराया जाता है, जिसका नेतृत्व अमेरिकी मरीन करते है। यह एक्सरसाइज 11 दिनों तक चलती है। थाईलैंड के कोनबुरी प्रांत के जंगलों में स्थित मिलिट्री बेस में सात देशों के करीब हजारों सैनिकों को जंगल में खतरनाक स्थितियों में जिंदा बच निकलने के तरीके बताए जाते हैं। कोबरा गोल्ड की यह ट्रेनिंग करने के लिए जिस देश के सैनिक आते है, उनमें ज्यादातर थाईलैंड के अलावा अमेरिका, इंडोनेशिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, और मलेशिया के सैनिक शामिल होते हैं।

ट्रेनिंग में क्या है खास
इस ट्रेनिंग में कोबरा का पकड़कर उसके शरीर के किसी भाग पर छेद किया जाता है, उसके बाद सांप के शरीर से बूंद-बूंद करके रिसने वाले खून को सैनिक पीते है। हालांकि, इनमें से कुछ सैनिक ऐसे भी होते है जो इसे पीने से मना भी कर देते हैं। वैसे आपको बता दें कि आज के समय में लोग अपने शरीर की कामोत्तेजना की बीमारियों को पूरा करने के लिए भी सापं का जहर औषिधि के रूप में पीना पसंद करते हैं।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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