हिंदू समाज में बाल विवाह की प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है लेकिन अब इस पर सरकार की ओर से रोक लगा दी गई है। इसलिए अब शादी के रिश्ते करने से पहले लड़के लड़की की उम्र पर विशेष ध्यान दिया जाता है। लेकिन हमारे देश में एक गांव ऐसा भी है जहां पर आज भी रिश्ते पैदा होते बच्चे के साथ कर दिए जाते है। जी हां ये बात सच है कि मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में एक ऐसा ही गांव हैं, जहां पर पैदा होते ही बच्चों के रिश्ते तय कर दिए जाते है। और जब ये बच्चे बालिग हो जाते है तो इनका विवाह उसी के साथ करवा दिया जाता है। लेकिन बड़े होने के बाद यदि लड़का या लड़की में से कोई एक इसका विरोध करता है तो इसके बदले में उसे दंड़ भी दिया जाता है। शादी तोड़ने वाले परिवार को जुर्माना भरना पड़ता है।
बंजारा समाज के लोगों के हैं यह गांव
श्योपुर जिले में बंजारा समाज के लोग इस प्रथा को काफी लंबे समय से चलाते आ रहे हैं। और इस समाज के यह नियम केवल एक गांव में नहा बल्कि पांच गांव भीकापुरा, मल्होत्रा, सौभागपुरा, रामबाड़ी और हनुमानपुरा में लागू होते हैं। इस पांच गांव में समाज के द्वारा बनाए गए नियम चलाए जाते है। कि जब भी बच्चा पैदा होता है तब ही उनका रिश्ता तय कर दिया जाता है कि उसकी शादी आगे चलकर किससे साथ होगी। लेकिन यदि लड़का या लड़की बालिग होने इस शादी का विरोध करते है। तो ऐसे में दूसरी पार्टी को 95 हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ता है। और यदि लड़का या लड़की किसी दूसरे के साथ भाग जाते है तो जुर्माने की राशि ढाई लाख रुपए बढ़ जाता है।
पांच गांव के अंदर ही करनी पड़ती है शादी
बंजारा समाज के लोगों मे यह नियम भी बनाया है कि शादी इन्ही पांचों गांव के अंदर ही होगी। किसी दूसरे गांव में शादी करना जुर्म माना जाता है। यह नियम अब तक चला आ रहा है। अगर कोई परिवार का लड़का या लड़की इन पांच गांव से हटकर शादी करना चाहते है तो इसके लिए पहले पंचायत बैठती है.। पंचायत में जो फैसला होता है वह सभी को सर्वमान्य होता है। यदि कोई इस बा को नही मानता तो उसे जुर्माना भरना पड़ता है नही दिए जाने पर पंचायत उसके घर को तोड़वा देती है। या समाज से उसे बहिष्कृत कर दिया जाता है।