सोशल मीडिया पर इन दिनों तरह तरह के एप काफी तेजी से वायरल हो रहे है उन्ही में से एक है FaceApp नाम का ऐप जो इस समय काफी ट्रेंड कर रहा है। गूगल प्ले स्टोर में यह ऐप अभी टॉप ट्रेंडिंग ऐप्स में से है और फोटोग्राफी वाले सेक्शन में तो यह ऐप टॉप पर चल रहा है। लोग इस ऐप पर तरह-तरह के सवाल कर रहे है। क्या आप भी जानते है इसके बारें में..
2017 में लॉन्च हुआ यह ऐप उस समय इतना पॉपुलर नहीं हुआ था, जितना कि अब हो रहा है। लोग अपनी फोटो में Old Age का फिल्टर लगाकर फोटो शेयर कर रहे हैं, जिसमें वह बूढ़े दिखाई दे रहे हैं।
कैसे काम करता है ये App
ये ऐप फोटो एडिट करने के लिए न्युरल नेटवर्क का इस्तेमाल करता है, जो एक तरह का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) है. इंस्टाग्राम ट्विटर, फेसबुक और जैसे सोशल मीडिया पर लोग अपनी Old Age फोटों को खूब पोस्ट कर रहे हैं. यहां तक की क्रिकेटर्स, सेलिब्रेटीज़ भी इस ऐप के इस्तेमाल से अछूते नही है। वो भी अपनी old age की फोटो को शेयर करने में नही चूक रहे हैं।
प्रिवेसी और डेटा हो सकते है चोरी
जो लोग भी इस एप का इस्तेमाल करते है उन्हें इस एप की कुछ शर्तों और नियमों को भी फॉलों करना पड़ता है जिसमें पहले से ही बता दिया जाता है कि इस ऐप की शर्तों के मुताबिक फेसऐप को लगातार, हमेशा के लिए, बिना किसी रॉयल्टी के, पूरी दुनिया में, नॉनएक्सक्लूसिव, पूरी तरह से देय, इस्तेमाल किए जाने के लिए हस्तांतरणीय लाइसेंस दिया जाता है जो यूजर के डाटा को अपने हिसाब से उपयोग में ला सकता है। या वह किसी और को बेच सकता है। इसे अपने हिसाब से भी बदल सकता है। इसे किसी भी मीडिया फॉरमेट में इस्तेमाल कर सकता है। वो इसे हाल में उपलब्ध या आने वाले समय में आए किसी भी प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल कर सकता है। और इसके लिए यूजर को किसी भी तरह का कोई भुगतान या मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
इसका असान मतलब भी हम आपको बता दें। कि यदि आपने कभी अपनी फोटो एडिट करने के लिए इस ऐप का इस्तेमाल किया है तो वह तस्वीर कंपनी द्वारा किसी भी काम में लाई जा सकती है। चाहे वो कंपनी के प्रचार-प्रसार के लिये उपयोग में लाये। या किसी भी तरीके से, किसी भी काम के लिये, ली जा सकती है। और सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी जानकारी यूजर को भी नहीं दी जाएगी। हो सकता है कंपनी आने वाले दिनों में आपकी तस्वीर किसी प्रचार कंपनी को बेच दे जो कहीं शराब के विज्ञापन के साथ आपकी तस्वीर लगाकर बेचे और आपको पता भी ना चले।
इसके अलावा ऐप की शर्तों में लिखा है कि फेसऐप को ये अधिकार दिये जाते है कि वह किसी भी सामग्री का उपयोग कर सकता है। चाहे उसके साथ किसी का नाम, आवाज, पहचान या कोई और निजी चीज ही क्यों ना जुड़ी हो। मतलब इस ऐप पर जिसकी भी तस्वीर आएगी उसका पूरा अधिकार यूजर फेसऐप को दे रहा है। साथ ही वह अपनी पहचान उजागर करने की अनुमति भी दे रहा है। जो यूजर की निजता के लिए एक बड़ा खतरा है।
इसके अलावा एप की शर्तों के मुताबिक ऐप पर जो कुछ भी पोस्ट किया गया है उसका मतलब है कि वह सामग्री पब्लिक होगी और उस सामग्री के साथ जो भी जानकारी होगी वो भी सार्वजनिक हो जाएगी।
ऐप बनाने वाली कंपनी का क्या कहना है
फेसऐप बनाने वाली कंपनी ने पर एक बयान जारी करते हुये कहा गया है, “हम तस्वीरों को क्लाउड पर अपलोड करते हैं लेकिन इसकी मुख्य वजह परफॉर्मेंस और ट्रैफिक। हम यह तय करना चाहते हैं कि एक यूजर बार-बार एक ही तस्वीर अपलोड नहीं करता रहे। इसलिए अपलोड की गई अधिकतर तस्वीरों को अपलोड होने के 48 घंटे बाद डिलीट कर दी जाती हैं।
हम यूजर का डाटा किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं करते हैं। हम यूजर के डाटा जिसमें कुकीज, लॉग फाइल, डिवाइस की पहचान, लोकेशन और इस्तेमाल का डाटा शामिल है, को फेसऐप को बनाने वाली कंपनी के स्वामित्व वाली दूसरी पार्टियों के साथ साझा करता है। इसका उपयोग सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाएगा। डाटा को सिर्फ उन्हीं थर्ड पार्टियों के साथ साझा किया जाएगा जो फेसऐप की गुणवत्ता सुधार के लिए काम करती हैं। हम किसी यूजर की गैलरी से सिर्फ उसी तस्वीर को अपलोड करते हैं जिसे यूजर चाहता है।”
हालांकि फेसऐप के नियम और शर्तों के मुताबिक 48 घंटे के अंदर क्लाउड से तस्वीरें डिलीट करने का कोई भी जिक्र नहीं है। इसके साथ ही ऐप की शर्तों में लिखा है कि इन तस्वीरों का इस्तेमाल उन सभी देशों में किया जा सकता है जहां फेसऐप काम करता है। फेसऐप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और न्यूरल नेटवर्क तकनीक पर काम करता है। ऐसे में काम करने के लिए इसे ज्यादा जानकारी चाहिए होती है। कंपनी ने बयान जारी कर सफाई दी है और चल रहे विवादों को कम करने की कोशिश की है।
लेकिन मामला जो भी हो, यूजर्स इस ऐप का इस्तेमाल जमकर कर रहे हैं। और आज के समय में121 देशों में इस फेसऐप डाउनलोड किए जाने के हिसाब से नंबर 1 बना हुआ है। लेकिन सतर्क रहना आपकी समझदारी है।