2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद 31 मई को राष्ट्रपति भवन से रामनाथ कोविंद ने नरेन्द्र मोदी समेत 57 अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई। जिसमें नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। इस भव्य समारोह में राष्ट्रपति भवन उस समय ज्यादा गर्मजोशी में दिखा जब ‘ओडिशा के मोदी’ के नाम से मशहूर प्रताप सारंगी बतौर केंद्रीय राज्यमंत्री के लिये शपथ लेने पंहुचे। उस दौरान पूरा राष्ट्रपति भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजनें लगा। यहां तक कि लोगों ने खड़े होकर उनका स्वागत भी किया।
कौन हैं प्रताप सारंगी?
64 वर्षीय प्रताप चंद्र सारंगी मोदी कैबिनेट मंत्रीमंडल के सबसे गरीब मंत्री के रूप में जाने जाते है। उनका रहनसहन काफी सादगी से भरा हुआ है। उनका समाज के प्रति समर्पण और जनसेवा के कारण वो गांव के लोगों से काफी जुड़ चुके है। सारंगी लंबे समय तक आरएसएस संघ जुड़े रहे हैं। इसके अलावा ओडिशा के नीलगिरी विधानसभा सीट से दो बार(2004 और 2009) में एमएलए भी रह चुके हैं इस बार उन्होनें बालासोर लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर बीजेडी प्रत्याशी रबींद्र कुमार जेना को 12,956 मतों से हरा दिया। और के एमपी रबींद्र कुमार जेना को हराया।
प्रताप चंद्र सारंगी अक्सर हाथ में झोला डाले साइकिल की सवारी करते हुए देखे जा सकते हैं। चुनाव प्रचार के समय भी जनता से जुड़ने के लिए उन्होनें ना ही कोई बड़े बजट के अनुसार प्रचार-प्रसार किया और ना ही कोई वादें करके उन्हें लुभावने की कोशिश की। बल्कि एक ऑटो रिक्शा की मदद से वो जनता से जुडने के लिये पहुंचे। इसी सादे जीवन के कारण ही वे लोगों के बीच काफ़ी मशहूर हैं।
गांव के लोग उन्हें प्यार से ‘नाना’ कहकर पुकारते हैं और बड़े भाई की तरह मानते हैं। सारंगी पहले ओडिशा में बजरंग दल के स्टेट लीडर भी रह चुके है। उन्होंने कई ‘एकल स्कूलों ‘(गांव के स्कूल जिसमें सिर्फ़ एक शिक्षक होता है) की शुरुआत की। जिसकी पगार गांव वाले लोग आपस में पैसा इकट्ठा करके देते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने कैबिनेट में जगह दी है और राज्य मंत्री बनाया है। गुरुवार को जब वह शपथ लेने आए तो राष्ट्रपति भवन तालियों से गूंज उठा। इस बात की चर्चा सोशल मीडिया पर भी देखने व सुनने को मिल रही है। प्रताप सारंगी, हिंदी-ओड़िया-संस्कृत भाषा में निपुण हैं।