ताजमहल के बारे में कौन नहीं जानता है। यह दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। आपको बता दें कि इसके अंदर एक विशाल मस्जिद भी है। जहां पर नमाजी नमाज अदा करते हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने नमाज पढ़ने पर बैन लगा दी है। हालांकि यह बैन सिर्फ बाहरी लोगों के लिए ही है। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा की “ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शामिल है अतः वहां नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। नमाज के लिए लोग किसी अन्य स्थान पर चले जाएं।” SC ने आगे कहा की यह आदेश सिर्फ बाहरी लोगों के लिए ही है। अतः स्थानीय लोग ताजमहल के अंदर नमाज अदा कर सकते हैं।
स्थानीय लोगों ने दी थी याचिका –
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दरअसल बात यह है कि स्थानीय लोगों ने एक याचिका दायर कर मांग की थी कि हमारे साथ बाहरी लोगों को भी नमाज अदा करने का अधिकार दिया जाएं। आपको बता दें कि प्रत्येक शुक्रवार को ताजमहल में स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती है। कई लोगों द्वारा यह मांग रखी गई कि या तो ताज में नमाज पढ़ना बंद कर दिया जाएं या फिर शिव व हनुमान चालीसा भी पढ़ने दी जाएं। अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति ने ताज की मस्जिद में शुक्रवार को होने वाली नमाज को बंद करने की मांग की थी। कई बार ताजमहल को लेकर विवादित बयान भी आ चुके हैं। कई लोगों ने इसको शिव मंदिर बताया है तो कई लोग इसको तेजोमहालय कहते हैं। इस प्रकार ताजमहल समय समय पर विवादों में घिरता रहता है लेकिन इस बार आगरा के कुछ स्थानीय लोगों ने याचिका में यह कहा था कि हम लोगों के अलावा बाहरी लोगों को भी ताज परिसर में नमाज पढ़ने का अधिकार दिया जाए। याचिका में की गई इस मांग को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बाहरी लोगों के ताज में नमाज पढ़ने पर बैन लगा दिया है।