भारत में अनेक नदियां हैं, जिनमें से कुछ काफी प्रसिद्ध भी हैं। इन्हीं प्रसिद्ध नदियों में से एक में स्नान करने पर लोगों के बाल हरे रंग के हो रहें हैं। इस नदी का नाम मोक्षदायिनी शिप्रा नदी है। यह नदी उज्जैन में है। इस नदी में स्नान करने पर श्रद्धालुओं के बाल हरे रंग के हो रहें हैं तथा बहुत से लोगों को त्वचा रोग की समस्या भी हो रही है। असल में मोक्षदायिनी शिप्रा में बढ़ते प्रदूषण के कारण ऐसा हो रहा है। आपको बता दें कि एक ही सप्ताह में इस नदी की 20 क्विंटल मछलियां मर चुकी है। वैज्ञानिक इसका कारण प्रदुषण के कारण पानी में हुई आक्सीजन की कमी को बता रहें हैं। यहां स्थित रामघाट तथा दत्त अखाड़ा घाट की स्थिति इतनी खराब है कि आम लोगों का खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है।
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मोक्षदायिनी शिप्रा के पास स्थित मंगलनाथ मंदिर की स्थिति भी काफी ज्यादा खराब है। मंदिर की सफाई व्यवस्था में मंदिर के लोग कोताही बरतते दिखाई पड़ रहें हैं। इस मंदिर में 40 से 50 भात पूजन प्रतिदिन किये जाते हैं। वहीं मंगलवार के दिन इनकी संख्या बढ़ कर 200 के करीब पहुंच जाती है। भात को भगवान को अर्पण करने बाद उतार कर मंदिर के पंडित इस भात को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में विसर्जित कर देते हैं। भगवान को अर्पित किया गया पंचामृत तथा दूध जल आदि चीजें इसी भात में मिली रहती है जोकि पाइप के जरिये क्षिप्रा नदी के जल में मिलकर उसको प्रदूषित कर देती हैं। इस प्रदूषित जल से घाट पर रखी प्राचीन प्रतिमाओं को भी हानि पहुंच रही है। इस प्रकार से प्रदूषित जल के कारण श्रद्धालू लोगों के बाल स्नान करने पर हरे हो रहें हैं तथा उनको त्वचा संबंधी रोग भी हो रहें हैं।