गर्मी का मौसम आ ही चुका है, इस मौसम में लोग सबसे ज्यादा पानी का सेवन करते हैं। लेकिन यदि आप दिल्ली में है और अचानक से दोपहर में आपको प्यास लग गई तो काफी ढूंढने के बाद भी आपको कोई प्याऊ या नल नहीं मिलेगा। ऐसे में आपको मजबूरन पानी को खरीद कर ही पीना पड़ेगा। यह स्थिति भी तब बनती है जब आपके पास पानी को खरीदने के लिए पैसे हों। मान लीजिये आपके पास उस समय पैसे ही न हों तो आप क्या करेंगे। ऐसे में आप प्यास के कारण बुरी तरह से तड़प उठेंगे। आपकी इसी समस्या का हल दिल्ली का एक निवासी नटराजन देता है ताकि प्यासे लोग कभी पानी की वजह से परेशान न हों सकें।
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लोगों की प्यास को शांत करने वाले नटराजन व्यक्ति दिल्ली के ही निवासी है। वर्तमान में नटराज की उम्र 69 है और वे दक्षिणी दिल्ली में निवास करते हैं। आपको बता दें कि नटराज सुबह 4.30 पर उठ जाते हैं और सड़क पर राहगीरों के लिए रखें करीब 60 मटकों को पानी से भरते हैं। इनका जीवन काफी दिलचस्प है। पेशे से इंजीनियर नटराजन का 40 वर्ष का जीवन लंदन में बीता है। असल में वे अपनी बहन के साथ लंदन घूमने के लिए गए थे लेकिन वहीं काम मिलने पर ये वहीं के होकर रह गए। कुछ वर्ष पहले इनको पता लगा कि उन्हें कैंसर हो चुका है। अतः वह भारत लौट आये। कैंसर समय के साथ ठीक तो हो गया पर नटराजन के मन में एक कसक छोड़ गया और वह थी लोगों के लिए कुछ अच्छा करने की। अतः नटराजन ने गरीब लोगों के पास तथा कैंसर अस्पताल में जाकर लोगों की सेवा करना शुरू कर दिया।
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इसके बाद अब ये गर्मी के मौसम में राहगीरों के लिए पानी की व्यवस्था को सही बनाने के लिए प्रतिदिन मटकों में पानी भर रहें हैं। शुरुआत में नटराजन ने अपनी और से भी मटकों को स्थापित किया और उनमें पानी भरने लगे। बाद में पुरानी गाड़ियों को खरीदकर उसको मोडिफाई कराया तथा उनमें पानी के टैंक लगा कर सभी मटकों में पानी भरने का कार्य करने लगें। इनके कार्य से बहुत लोग प्रभावित हैं। अब नटराज के साथ अन्य कई लोग जुड़ गए हैं जो इस कार्य में उनकी सहायता करते हैं।