क्या आप सोच सकते हैं की किसी लड़की से शादी करने पर सरकार आपको घर तथा सरकारी नौकरी देगी। अपने ही देश में ऐसा हो रहा है। जी हां हमारे देश की सरकार एक ख़ास लड़की से विवाह करने वाले शख्स को सरकारी नौकरी तथा घर दे रही है। यह ख़ास लड़की है पाकिस्तान से आई गीता। आपको बता दें की गीता 2015 में पाकिस्तान से भारत आई थी। अब तक गीता के असल परिवार का पता नहीं लग पाया है लेकिन गीता के लिए दूल्हा ढूंढने की तैयारियां काफी तेज हो चुकी हैं। गीता से विवाह के लिए एक एनजीओ ने एक एड डाला था। पिछले 10 दिन में 20 लोगों ने गीता से विवाह करने की इच्छा जताई है। आपको यह भी बता दें की गीता के विवाह का सारा खर्च विदेश मंत्रालय उठा रहा है तथा विवाह करने वाले शख्स को मंत्रालय की और से सरकारी नौकरी तथा घर दिया जायेगा।
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ज्ञानेंद्र पुरोहित एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। जो मूकबधिर लोगों के लिए कार्य करते हैं। इन्होने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात कर गीता के विवाह के लिए फेसबुक पेज “रीयूनाइट गीता, ए डेफ गर्ल, विद फैमिली” पर एक एड डाला था। ज्ञानेंद्र पुरोहित का कहना है की गीता से विवाह के लिए अब तक 20 लोगों के प्रपोजल आ चुके हैं। इनमें लेखक तथा मंदिर पुजारी भी शामिल हैं। ज्ञानेंद्र पुरोहित का कहना है की हम लोग इन सभी की जानकारियों को विदेश मंत्रालय भेज रहें हैं। बीते 10 अप्रेल को फेसबुक पर एड जारी किया गया था। इस संबंध में कहा गया था की लड़का नेक तथा स्मार्ट होना चाहिए। गीता के बारे में यह कहा गया था की वह दूल्हे को अपनी मर्जी से चुनेगी तथा विदेश मंत्रालय विवाह का खर्च उठाएगा।
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वर्तमान में गीता मध्य प्रदेश के मूक बधिर संघटन के हॉस्टल में है। पिछले ढाई वर्ष में 10 से ज्यादा परिवारों ने गीता को अपने घर की बेटी बताया है पर असल में गीता के असली परिवार का पता अभी तक नहीं लग पाया है। अपनी गलती के कारण गीता महज सात या आठ वर्ष की उम्र में समझौता एक्सप्रेस से पाकिस्तान पहुंच गई थी। गीता की वापसी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से 26 अक्तूबर 2015 को हुई थी।