हाल ही में दुबई में 2 भारतीयों को 500 वर्ष की सजा सुनाई गई। इस सजा को सुनकर सभी हैरान हैं। लोग यह सोच रहें हैं कि जब कोई व्यक्ति इतनी उम्र तक जीता ही नहीं है तो सजा को आखिर किस पैमाने पर दिया गया है। सबसे पहले तो हम आपको यह बता दें कि कोर्ट ने दोनों लोगों को करोड़ो डॉलर्स की धोखाधड़ी के आरोप में सजा दी है। दुबई के प्रिसाइडिंग जज डॉक्टर मोहम्मद हनाफी ने इस सजा का एलान महज 10 मिनट की कार्यवाही में रविवार को कर दिया था। प्रिसाइडिंग जज डॉक्टर मोहम्मद हनाफी ने इन दोनों आरोपियों में से एक आरोपी की पत्नी को भी सजा देते हुए उसको 517 वर्ष की कैद की सजा सुनाई है।
इसलिए सुनाई गई सजा –
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आपको बता दें कि दोनों आरोपियों के नाम सिडनी लेमोंस तथा र्यान डिसूजा हैं और सिडनी लेमोंस की पत्नी का नाम वलाने है। ये लोग “एक्सेंशियल” नामक एक कंपनी चलाते थे जोकि विदेशी मुद्रा से संबंधित व्यापार करती थी। इस कंपनी में कई हजार लोगों ने अपने पैसे निवेश किए थे। मगर कंपनी मालिको ने लोगों से धोखाधड़ी की और लोगों के पैसे खा गए। इस क्रम में सिडनी लेमोंस,र्यान डिसूजा तथा महिला आरोपी वलाने पर 515 मामले दर्ज किये गए थे। कोर्ट ने इन लोगों को हर मामले में एक एक वर्ष की सजा सुनाई तथा 2 अन्य मामलों में भी सजा सुनाई गई। इस प्रकार से 515 वर्ष की सजा 517 वर्ष में बदल गई। इस मामले की सबसे पहले सुनवाई 25 दिसंवर को हुई थी। उसके बाद बीते रविवार को इस सजा पर फैसला सुनाया गया। हालांकि इस फैसले के बाद भी आरोपी कोर्ट में अपील कर सकते हैं।
पीड़ित निवेशकों में खुशी –
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जिन लोगों ने इस कंपनी में अपना पैसा लगाया हुआ था। वे कोर्ट के फैसले से खुश हैं। सरकारी वकील ने इस फैसले के बाद यह कहा कि आरोपी पीड़ितों का पैसा वापिस कर सकते हैं। इस बात को लेकर पीड़ित निवेशक खुश हैं। एक पीड़ित निवेशक ने इस फैसले के बाद कहा कि हमें न्याय मिला है। यह फैसला संतोषजनक है। अब एक्सेंशियल को हम लोगों को भुगतान करना होगा। इस प्रकार से एक्सेंशियल नामक कंपनी चलाकर लोगों को ठगने वाले इन तीन लोगों को 517 वर्ष की सजा सुनाई गई।