महात्मा गांधी के नाम की आपने कई स्मृतियां व भवन देखें होंगे, पर अपने देश में उनका एक मंदिर भी है, जहां भगवान की ही तरह उनकी पूजा की जाती है। जी हां, यह सच है पर इसके बारे में बहुत ज्यादा लोग नहीं जानते हैं। इसीलिए हम आपको इस बारे में यहां जानकारी दे रहें हैं। वैसे आपको बता दें कि महात्मा गांधी कभी भी अपने लिए किसी प्रकार की स्मृति या भवन के निर्माण के पक्ष में नहीं रहें लेकिन आज भी उनके नाम पर कई भवन तथा स्मृतियां हैं। इन्हीं में से एक है महात्मा गांधी का मंदिर। इस मंदिर में भगवान की ही तरह महात्मा गांधी जी पूजा की जाती है तथा मंदिर में पूजन के समय राम धुन बजाई जाती है जो उनको बहुत प्रिय थी। इस मंदिर में पहुंचने वाले लोगों को गांधी जी के विचारों तथा आदर्शों का पाठ पढ़ाया जाता है तथा उन पर चलने का आग्रह किया जाता है।
Image source:
आपको बता दें कि यह मंदिर भारत के ओडिशा में है। यह लगभग 5 दशक पुराना मंदिर है। ओडिशा के संबलपुर जिले के भटारा गांव स्थित इस मंदिर का सपना यहां के स्थानीय निवासियों ने उसी समय देख लिया था जब 1928 में गांधी जी इस क्षेत्र में छुआछूत का भेद मिटाने के लिए पहुचें थे। 1971 में इस मंदिर की नींव यहां के ही लोगों ने रखी थी। इस मंदिर में महात्मा गांधी की 6 फीट की एक प्रतिमा है तथा एक प्रतिमा भारत माता की है। इसके अलावा इस मंदिर में एक अशोक चिंह भी है। इस मंदिर की कल्पना सबसे पहले यहीं के स्थानीय शिल्पी तृप्ति दासगुप्ता ने की थी। अब इस मंदिर में एक दलित द्वारा गांधी जी का पूजन किया जाता हैं तथा उनके आदर्शों को जन जन तक पहुंचाता है।
Image source:
प्रतिदिन सुबह के समय इस मंदिर में गांधी जी की आरती की जाती है। इसके बाद उनकी राम धुन को बजाया जाता है तथा उनके उपदेशों का पाठ किया जाता है। गांधी जयंती पर इस मंदिर के आसपास के हिस्से में बड़ा मेला लगता है। इस मेले में आसपास के गावों के भी बहुत से लोग आते हैं। इस प्रकार से उस समय हजारों लोगों की भीड़ इस मंदिर के मेले में इकट्ठी रहती है। इस मंदिर की देखभाल “गांधी मंदिर डेवल्पमेंट कमेटी” करती है। इसी प्रकार का एक और गांधी मंदिर अपने देश में है। यह मंदिर तेलंगाना राज्य के चिटयाल गांव में एकम पहाड़ी के नीचे बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण यहां के सेवानिवृत शिक्षकों ने कराया था। भूतल में ध्यान के लिए कक्ष है तथा मुख्य भाग पर गांधी जी की प्रतिमा है। यहां भी बहुत से लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं।