मस्जिद में चोर ने की चोरी, बताया अपने और ऊपर वाले के बीच का मामला

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चोर अक्सर लोगों के घरों में चोरियां करते हैं पर एक चोर ने मस्जिद में चोरी की घटना को अंजाम दिया और इस चोरी को अपने तथा ऊपर वाले के बीच का मामला बताया है। इसी कारण से यह खबर अब सुर्ख़ियों में है। लोग सोशल मीडिया पर इस खबर को खूब शेयर कर रहें हैं। आपको बता दें कि यह खबर पाकिस्तान से आई है। पाकिस्तान के दक्षिण प्रांत खानेवाल जिले की “जामिया मस्जिद” में एक चोर ने चोरी की। वहां से चोर ने करीब 50 हजार रुपये का सामान चुराया तथा जाते समय एक लेटर लिख कर छोड़ गया। इस लेटर में चोर ने लिखा है कि “यह मेरे और ऊपर वाले के बीच का मामला है। लिहाजा इसमें दखल देने की कोई जरुरत नहीं है।” इस चोरी के बाद जामिया मस्जिद के मौलाना कारी सईद ने बताया कि चोर ने करीब 50 हजार रुपये के सामान को चुराया है।

चोर ने खुद को बताया जरूरतमंद

चोर ने खुद को बताया जरूरतमंदImage source:

चोर ने अपने लेटर में लिखा है कि “यह मेरे और अल्लाह के बीच का मामला है। लिहाजा इसमें दखल देने की कोई जरुरत नहीं है। चोर ने आगे लिखा है कि वह एक जरूरतमंद व्यक्ति है और अच्छे से जानता है कि वह अल्लाह के घर में चोरी कर रहा है। चोर ने यह भी लिखा कि वह मस्जिद में मौलवी के पास मदद के लिए आया था, पर मौलवी ने उसे किसी प्रकार की मदद देने से मना कर उसे वहां से निकाल दिया था। लोगों के मदद से मना करने पर उसको अल्लाह के घर में चोरी करनी पड़ रही है।” चोर ने अपने खत में इस चोरी को अपने और अल्लाह के बीच का मामला बताते हुए लिखा है कि “क्योंकि मैं अल्लाह के घर में चोरी कर रहा हूं इसलिए यह मेरे और अल्लाह के बीच का मामला है इसलिए किसी को इस मामले में दखल नही देना चाहिए।”

लोगों ने दिखाई हमदर्दी

लोगों ने दिखाई हमदर्दीImage source:

लोगों ने जब चोर के इस खत को पढ़ा तो उनका दिल पसीज आया। इसी कारण लोगों को इस चोर से हमदर्दी हो गई और उन्होंने मस्जिद प्रशासन से चोर को माफ करने की गुजारिश की है। आपको बता दें कि इसी प्रकार की एक घटना पिछले वर्ष जहानियन में हुई थी। वहां की करीमन मस्जिद में एक चोर ने चोरी के बाद एक लेटर रख छोड़ा था। जिसमें उसने लिखा था की वह एक जरूरतमंद है और जब उसके पास पैसे आएंगे तो वह मस्जिद को वापिस लौटा देगा।  

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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