शहंशाह अकबर को भला कौन नहीं जानता, पर क्या आप उस वजह को जानते हैं जिसके कारण अकबर ने अपनी बेटियों का जीवनभर विवाह नहीं किया था। असल में इस ऐतिहासिक तथ्य को बहुत कम लोग ही जानते हैं। आज पहली बार हम इस तथ्य को आपके सामने रख रहें हैं ताकि आप अकबर के उस चेहरे और मानसिकता से भी रूबरू हों सकें जो “अकबर महान” शब्द के पीछे छिपी थी। बहुत से लोग आज भी अकबर को एक अच्छा और सच्चा मुग़ल बादशाह मानते हैं। आज हम इससे कुछ हटकर आपको अकबर के बारे में बताना चाहते हैं जिसको न टीवी सीरियल या फिल्म बताती हैं और न ही इतिहासकार। आज हम आपको बता रहें हैं अकबर की उस मानसिकता के बारे में जिसके कारण उसने पूरे जीवनभर अपनी बेटियों को कुंआरा रखा।
आज बहुत कम संख्या में लोग इस बात को जानते हैं कि अकबर ने अपनी बेटियों का विवाह जीवन भर नहीं किया था पर आखिर क्यों। इस बारे में कुछ चुनिंदा लोग ही जानते हैं। आइये अब आपको इस तथ्य से सार्वजानिक रूप से अवगत कराते हैं कि आखिर शहंशाह होते हुए भी अपनी बेटियों को कुंवारा क्यों रखा था।
अपने अहंकार के कारण नहीं किया बेटियों का विवाह
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माना जाता है कि अहंकार मानव को दानव स्तर पर पहुंचा देता है। इस प्रकार का मनुष्य फिर अपने जीवन सहित अन्य लोगों के जीवन को भी बर्बाद कर देता है। अकबर के साथ भी कुछ ऐसा ही था। उसके अभिमान ने उसे उस स्तर तक पहुंचा दिया था, जहां वह भूल से भी अपना सिर कभी झुकाने की गलती नहीं करता था। जब अकबर की बेटियां विवाह लायक हुईं तब अकबर ने उनका विवाह सिर्फ अपने इसी अभिमान के कारण नहीं किया। उसे हमेशा लगता था कि यदि बेटियों को विवाह कर दिया जायेगा तो अपने समधी यानि लड़के के पिता के सामने उसको अपना सिर झुकाना पड़ेगा।
यही कारण था कि अकबर ने अपनी बेटियों का जीवन अपने अहंकार के कारण बर्बाद कर डाला और वे सभी सारी उम्र कुंआरी लड़की बनकर ही रहीं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह कार्य सिर्फ अकबर ने ही नहीं किया था बल्कि जहांगीर, ओरंगजेब तथा शाहजहां से भी यही नीति अपनाई थी और अपनी बेटियों का विवाह नहीं किया था। इन लोगों ने अहंकार ने इनके परिवार के लोगों का जीवन खराब कर डाला और दूसरी और ये लोग चाटुकार दरवारियों से अपने संबंध में अच्छी अच्छी बातें लिखवा कर इतिहास में महान और अच्छे शासकों में शामिल हो गए।