आपने जिन्नों के बारे में अब तक कहानियों में ही पढ़ा होगा, पर हमारे देश में एक ऐसी मस्जिद भी है जिसको जिन्नों ने ही बनाया था। आपको शायद यह बात अजीब लगे, पर यह पूरी तरह से सच है। बनारस शहर में एक ऐसी मस्जिद है जिसका निर्माण जिन्नों ने किया था। इस मस्जिद में आज भी देश विदेश के लोग आते हैं और इसकी भव्यता को देखते हैं। यह काफी विशाल और भव्य मस्जिद है। इसे देखते ही पता लगता है कि इसका निर्माण सामान्य इंसान नहीं कर सकते हैं। विदेश के कुछ शोधकर्ता भी इस मस्जिद में आते हैं और यहां पर मस्जिद के निर्माण संबंधी कार्य पर रिसर्च करते हैं।
आपको बता दें कि इस मस्जिद को “ढाई कंगूरा मस्जिद” के नाम से जाना जाता है। इस मस्जिद में 86 पिलर हैं और इन्ही में से किसी एक पिलर पर इस मस्जिद के निर्माण संबंधी रहस्य लिखा हुआ है, पर मस्जिद की पेंटिंग की वजह से आजतक कोई भी व्यक्ति उस पिलर का पता नहीं लगा सका है। आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं इस मस्जिद के बारे में।
ढाई कंगूरा मस्जिद
यह मस्जिद उत्तर प्रदेश के काशी शहर के आदमपुर क्षेत्र में स्थित है। इस मस्जिद को ‘जिन्नातों वाली मस्जिद” के नाम से भी जाना जाता है। असल में इस मस्जिद के मुख्य दरवाजे के ऊपर लगे पत्थर पर फारसी भाषा का शब्द “2 नीम” लिखा है। हिंदी में इसका अर्थ “ढाई” होता है। यही कारण है कि इसको ढाई हिजरी के समय का बना मानते हैं। आपकों बता दें कि वर्तमान में 1439 हिजरी चल रही है। ढाई कंगूरा मस्जिद में प्लेन सीढ़िया भी बनी हुई हैं और ये इतनी ऊंची तथा बड़ी हैं कि आज तक ऐसी सीढ़ियां किसी और मस्जिद में देखने को नहीं मिली हैं।
मस्जिद में जिन्नों का है साया
मस्जिद के मुतवली हाजी गुलाम शाबिर ढाई कंगूरा मस्जिद के बारे में बताते है कि “हम लोगों का परिवार कई पीढ़ियों से इस मस्जिद की सेवा में लगें हैं। हम लोगों के पूर्वज बताते थे कि इस मस्जिद को जिन्नों ने महज ढाई दिन में निर्मित कर डाला था। यही कारण है कि आज इसको “ढाई कंगूरा मस्जिद” कहा जाता है। यहां पर आज भी जिन्नों का साया है और यहां बहुत से लोगों की मुराद भी पूरी होती हैं।”