जानिये रावण की इस बेहद रहस्यमय गुफा के बारे में, भगवान हनुमान के भी हैं चरण चिंह

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भगवान श्री राम और लंकापति रावण के समय के बहुत से स्थान आज भी मौजूद हैं। इस कड़ी में आज हम आपको रावण की एक बेहद रहस्यमय गुफा तथा उसके अन्य स्थानों के बारे में बताने जा रहे है। रावण श्रीलंका का राजा था इसलिए ही उसको लंकापति या लंकेश के नाम से जाना जाता है। रावण न सिर्फ शास्त्रों का विद्वान व्यक्ति था बल्कि वह तंत्र साधनाओं का भी प्रवाल साधक था। उसने अपने काल में “रावण सहिंता” तथा अन्य तंत्र और ज्योतिष के दुर्लभ ग्रंथ लिखे थे जो आज भी बड़े बड़े विद्वानों के लिए आश्चर्य का केंद्र बने हुए हैं। श्रीलंका में आज भी रावण के काल की बहुत सी चीजें तथा स्थान आप देख सकते हैं। आज हम यहां आपको कुछ ऐसे ही स्थानों के बारे में जानकारी देंगे, जो रावण तथा रामायण के समय से जुडी हुई हैं।

रावणImage Source:

श्रीलंका में कैंडी नामक स्थान पर एक बौद्ध मंदिर हैं। इस मंदिर की खासियत यह है कि इस “टूथ रेलिक टेंपल” में भगवान बुद्ध का दांत आज भी रखा है जिसको आप देख सकते हैं। इस स्थान को देखने के बाद आप श्रीलंका के उस स्थान पर जा सकते हैं जिसको “अशोक वाटिका” कहा जाता है। अशोक वाटिका में देवी सीता ने काफी समय गुजारा था। इस स्थान पर “सीता अहिल्या टेंपल” बना है तथा आज भी वहां पानी की धारा बह रही है जिससे देवी सीता स्नान किया करती थी। इस स्थान पर आप भगवान हनुमान के चरण चिंह भी देख सकते हैं। इस मंदिर से कुछ ही दूरी पर “सीता अग्निपरीक्षा मंदिर” स्थित है। आज भी श्रीलंका कोर्ट में केस होने से पहले इस मंदिर में कसम खिलाई जाती है। इस मंदिर से जंगल का एक रास्ता गया है। यह रास्ता “रावण गुफा” की ओर गया है। यह रास्ता बहुत खतरनाक तथा उबड़खाबड़ है। इस रास्ते पर खुलेआम सांप जैसे सरीसृप घूमते रहते हैं। यदि कोई रावण गुफा तक किसी प्रकार पहुंच भी जाता हैं तो उसके अंदर जानें वाला व्यक्ति कभी जीवित नहीं बचता ऐसा श्रीलंका के लोगों की धारणा है। इस जंगल के अंदर एक म्यूजियम भी है। इस म्यूजियम में रावण के समय की काफी चीजें रखी हुई है जिनको आप देख सकते हैं। रावण की गुफा के अंदर क्या है और वह अंदर से कैसी है इस बारे में आज तक कोई नहीं बता पाया क्योकि अंदर जाने वाला व्यक्ति अभी बाहर ही नहीं आ सका। इस वजह से आज भी रावण की गुफा लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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