रोहिंग्या मुसलमानों का विवाद इस समय बहुत गहराया हुआ है, लेकिन कम लोग ही जानते हैं उस व्यक्ति के बारे में जिसके कारण यह अंतर्राष्ट्रीय विवाद खड़ा हुआ है। आपको बता दें कि म्यांमार के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में रोहिंग्या मुस्लिम लोगों के 2600 घर जला डाले गए थे। इस वजह से अपनी जान बचाने के लिए करीब 60 हजार रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश भाग गए। वर्तमान में भी म्यांमार में हिंसा का दौर जारी है और इसी बीच म्यांमार में एक बौद्ध भिक्षु अशीन विराथु का नाम काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। आज हम आपको इसी बौद्ध संत अशीन विराथु के बारे में बताने जा रहें हैं। बहुत से लोग अशीन विराथु को कट्टरपंथी बौद्ध संत कहते हैं तथा कई लोग इनको म्यांमार का बिन लादेन भी कहते हैं। आइए जानते हैं म्यांमार के इस बौद्ध संत के जीवन को।
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बौद्ध भिक्षु अशीन विराथु का जन्म 1968 में म्यांमार में हुआ था और 14 वर्ष में ही वे बौद्ध भिक्षु बन गए थे। 2001 में अशीन विराथु राष्ट्रवादी और मुस्लिम विरोधी गुटों में जुड़ गए, इसके बाद ही उनका नाम दुनिया के सामने आया। अशीन विराथु पर कई बार यह आरोप लगता रहा कि उनके भाषण हमेशा रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ ही होते हैं। 2003 में विराथु को 25 वर्ष की सजा सुनाई गई, पर 2010 में उनको राजनैतिक कैदियों के साथ में ही छोड़ दिया गया। 2012 में म्यांमार के राखिने प्रांत में बौद्धों तथा रोहिंग्या मुस्लिम लोगों के बीच हिंसा भड़की थी, तब भी विराथु पर बौद्धों को भड़काने का आरोप लगा था। इसके बाद ही प्रदर्शनकारियों ने उनको म्यांमार का ‘बिन लादेन’ कहना शुरू कर दिया था। अशीन विराथु सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहते हैं। उनके 42 हजार से भी ज्यादा फॉलोअर हैं। आपको हम यह भी बता दें कि म्यांमार में करीब 10 लाख रोहिंग्या मुस्लिम लोग निवास करते हैं पर वहां कि सरकार उनको अपना नागरिक नहीं मानती है। वर्तमान में ये लोग थाईलैंड तथा बांग्लादेश की सीमा पर रिफ्यूजी की तरह अपना जीवन बिता रहें हैं।