टो रेसलिंग – यहां हाथ का पंजा नहीं बल्कि पैर का अंगूठा लड़ा कर लोग देते हैं एक दूसरे को टक्कर

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दुनिया में बहुत से अलग-अलग स्थान है और उनके तौर तरीके भी भिन्न-भिन्न हैं आज हम आपको एक ऐसे ही स्थान के बारे में जानकारी दे रहें हैं, जहां के लोग पंजे की जगह पैर के अंगूठे को लड़ाते हैं। पढ़ने सुनने में यह आपको अजीब ही लगेगा, पर यह असल बात है।

अपने अब तक लोगों को हाथ के पंजे को लड़ाते हुए ही देखा होगा, पर आज हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में और एक ऐसे खेल के बारे में जानकारी दे रहें हैं जहां लोग पैर के अंगूठे को लड़ाकर एक दूसरे को टक्कर देते हैं। आपको हम सबसे पहले बता दें कि पैर के अंगूठे को लड़ाने वाला यह खेल “टो रेसलिंग” कहलाता है। आइए सबसे पहले हम आपको बता दें कि आखिर कैसे इस खेल की शुरूआत हुई।

People compete in toe wrestlingimage source:

यह घटना थोड़ी पुरानी है। यह स्टैफोर्डशायर स्थित ‘ये ओल्डे रॉयल ओक इन’ की घटना है। इस स्थान पर कुछ दोस्त आपस में बैठ कर ब्रिटेन के हालात पर चर्चा कर रहें थे। इन दोस्तों में एक दोस्त शराबी भी था। अचानक शराबी दोस्त का अंगूठा पास अन्य दोस्त के अंगूठे से लड़ गया और इस प्रकार से इन दोस्तों ने “टो रेसलिंग” नामक एक अलग ही खेल को जन्म दे दिया।

यह खेल काफी मशहूर हुआ और साथ में इस खेल को जन्म देने वाले ये दोस्त भी। 2 वर्षों तक इस खेल में इन दोस्तों को कोई नहीं हरा पाया, पर 1976 में कनाडा मूल के एक शख्स ने टो रेसलिंग में इन दोस्तों को हरा कर बाजी मार ली। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस खेल को ओलंपिक में शामिल करने की भी मांग उठी थी। इस प्रकार से अचानक ही इस टो रेसलिंग गेम की शुरूआत हो गई थी। यह गेम काफी प्रसिद्ध हुआ और आज भी बहुत से स्थानों पर इसको खेला जाता है।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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