आपने बहुत सी दुकानें देखी होंगी और उनसे सामान भी खरीदा होगा, पर क्या आप भारत की आखरी दुकान के बारे में जानते हैं? यदि नहीं, तो आज हम आपको भारत की उस दुकान से रूबरू करा रहें हैं जिसको भारत की आखरी दुकान कहा जाता है। आपको बता दें कि यह दुकान भारत के उत्तराखंड में स्थित है और इस दुकान को भारत की आखरी दुकान कहा जाता है।
आज के समय में बहुत सी कंपनियां अपने विज्ञापन के लिए नामीग्रामी लोगों को ब्रांड एंबेस्डर बनाती हैं, वहीं दूसरी ओर एक सामान्य नागरिक अपने माता-पिता या बच्चों के नाम पर ही दुकान का नाम रख लेता है, पर आज हम आपको जिस दुकान के बारे में बता रहें हैं उसके दुकानदार ने प्रचार के लिए एक अलग ही रास्ता अपनाया हुआ है। इस दुकानदार ने अपने प्रचार के लिए अपनी दुकान को भारत की आखरी दुकान बताया हुआ है। इस दुकान मालिक ने अपनी दुकान के आगे बोर्ड पर भी इसे लिखवाया हुआ है।
“हिंदुस्तान की अंतिम दुकान। उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम। सबने जाना, सबने माना। 1962 से कहलाया सच्चा हिंदुस्तानी। कृप्या इस हिंदुस्तानी भाई को एक बार सेवा का मौका जरूर दें।”
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दुकान के बोर्ड पर लिखे इस प्रकार के ये शब्द दुकान को और भी खास बना देते हैं। आपको हम बता दें कि यह दुकान उत्तराखंड के “माणा पास” नामक स्थान पर है। असल में “माणा पास” के पहले ही भारत का आखरी गांव पड़ता है और यह दुकान इस स्थान पर ही है। इस गांव से बद्रीनाथ धाम महज 3 किमी और भारत-तिब्बत सीमा सिर्फ 24 किमी की दूरी पर स्थित है।
रघु आदित्य नामक एक पत्रकार ने इस दुकान की तस्वीर को अपनी फेसबुक आईडी पर डाला है और उन्होंने लिखा है कि “भूपेंद्र भाई की यह दुकान भारत की आखरी दुकान है। आप कभी उस ओर जाएं, तो वहां जरूर जाएं।” इस प्रकार से यह दुकान भारत की आखरी दुकान के नाम से फेमस है और उत्तराखंड के माणा गांव में है।