आपने बहुत से मंदिर देखें ही होंगे, पर क्या आपने कभी किसी ऐसे मंदिर को देखा है जो आम लोगों के लिए नहीं है? यदि नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी दे रहें हैं, जो खास होते हुए भी आम लोगों के लिए नहीं है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि भैरवेश्वर नामक यह मंदिर केदारनाथ मंदिर जाते समय रास्ते में पड़ता है।
image source:
इस मंदिर की विशेषता इसका आकार है। असल में इस मंदिर के आकार को बहुत छोटा बनाया गया है और इसका कारण यह है कि रास्ते से गुजरने वाले लोग इस मंदिर को कोई खास महत्त्व न दें। आध्यात्मिक गुरू जग्गी वासुदेव इस मंदिर के बारे में बताते हुए कहते हैं कि यह मंदिर उन लोगों के लिए है जो अपनी जीवन यात्रा में किसी खास पड़ाव पर पहुंच चुके हैं।
असल में जो लोग तंत्र के मार्ग से अपने जीवन का विकास उच्च आयामों की ओर कर रहें हैं, यह मंदिर ऐसे लोगों के लिए एक सलाहकार की भूमिका में है। इस मंदिर में ऐसे तंत्र साधक पूजन आदि की क्रिया करते हैं। असल में तंत्र का मार्ग “शैव सम्प्रदाय” का मार्ग है और इसमें सर्वोच्च सत्ता के रूप में भगवान शिव की साधना तंत्र के तरीके से ही की जाती है।
तंत्र के अपने विश्वास और मान्यताएं है। इनमें से एक यह है कि सर्वोच्च स्रष्टा से कभी प्रार्थना नहीं करनी होती, बल्कि साधना करनी होती है। प्रार्थना करने का तंत्र में कोई अर्थ नहीं होता, बल्कि उसको अभद्र माना जाता है।
भैरवेश्वर नामक यह मंदिर तंत्र साधकों के लिए प्रारंभिक साधना के मार्ग को परिपुष्ट करने का एक प्रकाश स्तंभ है, इसलिए इस मंदिर पर समय-समय पर तंत्र साधक ही आते हैं और अपनी साधना का प्रारंभ यहां पूजन से करते हैं, इसलिए ही यह भैरवेश्वर मंदिर खास होते हुए आम लोगों के लिए नहीं है, बल्कि तंत्र साधकों के लिए ही है।