आज नाग पंचमी का त्योहार है। बहुत से लोग आज नाग पूजन कर पुण्य के भागी बनते हैं, पर बहुत कम लोग ही जानते हैं कि आखिर नाग पंचमी को क्यों मनाया जाता है, इसलिए आज हम आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहें हैं। जैसा की आप जानते ही हैं कि सावन का महीना चल रहा है और इस माह में शिव भक्त भगवान शिव की उपासना करते हैं, पर इसी माह में भगवान शिव के गले को सुशोभित करने वाले नागों का भी त्योहार आता है, जिसको “नाग पंचमी” कहा जाता है। इस त्योहार पर लोग नाग पूजन कर मनोवांछित फल की कामना करते हैं। स्कंद पुराण में इस नाग पंचमी के पर्व को मानाने के लिए कहा गया है और बताया गया है कि इस पर्व को मानाने से आपकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं।
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इस पर्व को मानाने से जहां लोगों की कामना पूरी होती है, वहीं दूसरी ओर यदि किसी के घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु सांप के काटने से हुई हो, तो इस पर्व को मानाने से आने वाले समय में उसके घर के किसी सदस्य को सर्प भय नहीं रहता। ऐसा बताया गया है कि यदि किसी के घर के सदस्य की मृत्यु सांप के काटने से हुई हो, तो ऐसे व्यक्ति को 12 माह तक नाग पंचमी का व्रत रखना चाहिए। इस व्रत के प्रभाव से उस घर के किसी सदस्य को सर्प भय नहीं रहता है। इस पर्व को मनाने के लिए नाग पंचमी पर अपने घर के मुख्य द्वार पर गोबर की सहायता से सांप की आकृति बना कर धूप-दीप आदि से उनकी पूजा की जाती है। इसके बाद इंद्रदेव की पत्नी इंद्राणी का पूजन किया जाता है। यह कार्य करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और फिर स्वयं भोजन किया जाता है। इस व्रत में पहले मीठा भोजन किया जाता है और उसके बाद आप अपने मन के अनुसार भोजन कर सकते हैं। इस प्रकार से यह नाग पंचमी का व्रत किया जाता है और इसका लाभ स्वयं सहित परिवार के सभी सदस्यों को मिलाता है।