भारत में यौन संबंधों पर खुलेआम बात नहीं कर सकते हैं, पर आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहें हैं, जहां महिलाएं बच्चों के साथ यौन संबंध बनाती हैं। देखा जाएं तो अपने देश में यौन शिक्षा पर भी कभी खुल कर बात नहीं होती है। बच्चों को यौन शिक्षा के बारे में न तो माता-पिता द्वारा जानकारी दी जाती है और न ही किसी अन्य माध्यम से उनको इस बारे में शिक्षा मिलती है। आज मनोवैज्ञानिक लोग यह कहते हैं कि बच्चों को बचपन से ही यौन शिक्षा के बारे में सकारात्मक जानकारी दे देनी चाहिए, ताकि वे अपने आने वाले जीवन में किसी परेशानी का सामना न कर सकें, पर सामान्य तौर पर ऐसा होता नहीं है।
आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में जानकारी दे रहें हैं जहां पर यौन शिक्षा को लेकर लोगों में काफी जागरूकता मिलती है। इस स्थान पर बच्चों को यौन शिक्षा काफी समय पहले से ही दी जाने लगती है।
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इस स्थान की एक खासियत यह भी है कि यहां न सिर्फ बच्चों को यौन शिक्षा दी जाती है, बल्कि उनके साथ यौन संबंध भी बनाएं जाते हैं ताकि बच्चों को प्रेक्टिकली यौन शिक्षा का ज्ञान मिल सकें। आपको यह जानकर हैरानी जरूर हो रही होगी, पर हम आपको बता दें कि प्रशांत महासागर के एक द्वीप पर ऐसा परंपरा के रूप में किया जाता है। इस द्वीप पर परंपरा के नाम पर महज 7 वर्ष का होने पर बच्चे की नाक छिदवा दी जाती है और इस परंपरा को “मंगाइया” कहा जाता है। यहां की महिलाएं कम उम्र ही बच्चों को यौन शिक्षा देनी शुरू कर देती है और कुछ बड़ा होने पर उनके साथ यौन संबंध भी बनाती हैं। इस प्रकार से महज 13 वर्ष की उम्र तक पहुंचने पर बच्चा यौन शिक्षा और यौन संबंधों का पूरा जानकार हो जाता है। इस प्रकार से बच्चे को महिलाएं वे सभी जानकारी मुहैया कराती हैं जो उनको होनी चाहिए, ताकि उनको अपनी आने वाली लाइफ में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें। यह सब इस द्वीप पर परंपरा के नाम पर होता है और इस परंपरा को काफी समय से यहां चलाया जा रहा है।