बहुत लोग दिल्ली में रहते हैं, पर बहुत कम लोग ही जानते हैं कि दिल्ली का कचरा आखिर जाता कहां है, इसलिए आज हम आपके सामने दिल्ली के कचरे को लेकर एक ऐसा राज खोल रहें हैं जिसको जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आज हम दिल्ली के कचरे के बारे में जो बात बता रहें हैं उसको जानकार आप शायद विश्वास भी न करें। आपने बहुत से पहाड़ देखें होंगे और उनकी आकृति को भी अच्छे से पहचानते होंगे, पर आज हम आपको दिल्ली के पहाड़ों के बारे में बता रहें हैं, जो दिल्ली के अंदर में ही बने हुए हैं। इस पोस्ट में जिस तस्वीर को हमने लगाया हुआ है, उसको आप गौर से देखिये। आपको तस्वीर में यह कोई पहाड़ ही नजर आ रहा होगा, पर हम आपको बता दें कि असल में यह कोई पहाड़ नहीं है, बल्कि दिल्ली के बीच में बना कूड़े का ढेर है। वही कूड़ा जो आपके घरों से रोज निकलता है।
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आपको हम यहां यह जानकारी भी दे दें कि दिल्ली में ऐसे 3 विशाल पहाड़ हैं, जिनका क्षेत्रफल विश्व के सबसे छोटे देश वेटिकन सिटी से भी दोगुना है। आपको शायद इस बात की भी जानकारी नहीं होगी कि दिल्ली के प्रतिदिन 14 हजार टन कूड़ा रोज निकलता है। हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली के अंदर बने इन कूड़े के पहाड़ों को कम करने तथा इनके बुनियादी ढाचें को कम करने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। एनजीटी ने दिल्ली से पूछा है कि भलस्वा, गाजीपुर और ओखला लैंडफिल के ऊंचे-ऊंचे कूड़े के पहाड़ों को कम करने के लिए अपने क्या कदम उठाएं हैं, क्योंकि कूड़े के इन ऊंचे ढेरों से वायु प्रदूषण फैल रहा है। इसके अलावा दिल्ली सरकार यमुना में गिरने वाले नालों की सफाई पर भी रिपोर्ट दें।
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आपको हम बता दें कि दिल्ली की सभी दुकानों, घरों या फैक्ट्रियों से प्रतिदिन 14 हजार टन कूड़ा निकलता है और इस कूड़े की समस्या को दूर करने के लिए अभी दिल्ली सरकार के पास में कोई भी उपाय नहीं है इसलिए ही यह कूड़ा दिल्ली के बीच में पहाड़ बनकर उभर रहा है। एक रिसर्च में यह पता लगा कि 2024 तक दिल्ली में दोगुना कचरा हो जायेगा। अब दिल्ली सरकार और दिल्ली के निवासियों को इस समस्या को दूर करने के लिए मिलकर ही कार्य करना पड़ेगा तब ही इस समस्या का हल निकल सकता है।