आज के समय में हर व्यक्ति अपने असल स्वभाव से परिवर्तित ही नजर आता है यानि वास्तव में आदमी जो होता है वह दिखता नहीं है और जो दीखता है वह होता है। यदि हम वास्तव में यह जानना चाहते हैं कि हम असल में अंदर से क्या हैं और बाहर से क्या हैं, तो हमें आध्यात्म का सहारा लेना ही होगा, क्योंकि वही हमें हमारी असल तस्वीर को दिखाता है। आध्यात्म हम लोगों को हमारी वास्तव प्रकृति को दर्शाने के लिए तीन प्रकार के दर्पण देता है जिनसे हम आपने असल स्वभाव को देख सकते हैं और जान सकते हैं कि हम अंदर से क्या है और बाहर में हमें लोग क्या समझते हैं और जब हम इन इस बात को जान जाते हैं तब हमारी मानसिकता और कार्य बदल जाते हैं। इससे हमारे अदंर एक सफल व्यक्ति वाले सभी गुण आने लगते हैं, इसलिए आध्यात्म द्वारा दिए जानें वाले इन तीन दर्पणों को जानना जरूरी है, तो आइए जानते हैं इन तीन चीजों को।
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1. परिश्रम
परिश्रम सभी करते हैं पर बहुत से लोग ऐसे भी हैं जोकि परिश्रम को आनंद से नहीं करते हैं, बल्कि मजबूरी में करते हैं। ऐसे लोग बाहर से स्वयं को चाहें कैसा भी दर्शाएं कोई व्यक्ति उनको सही नहीं समझता है, इसलिए आप जो भी कार्य करें आनंद से करें तथा लगातार करें।
2. ईमानदारी
ईमानदारी का दर्पण हमें हमारे असल रूप में दिखाता है। यदि आप ईमानदार हैं तो आपकी ईज्जत सभी करेंगे और आपको चारों ओर से सफलता भी मिलेगी। ईमानदारी आपके लिए एक स्वैच्छिक क्रिया होनी चाहिए आप यदि सभी के प्रति ईमानदार रहते हैं, तो आपके लिए सफलता के द्वार सहज ही खुल जाते हैं।
3. भलाई
भलाई का कार्य यदि आप सहज रूप से करते हैं तो आपको इसमें सेवा का भाव दिखाई पड़ेगा, लेकिन भलाई के इस दर्पण पर कभी-कभी ईर्ष्या की धूल जम जाती है, इसलिए इस बात से सदैव सावधान रहें कि यह धूल न जम पाए। आप जतनी मात्रा में दूसरों की भलाई का कार्य करेंगे तथा सेवा करेंगे उतनी ही मात्रा में आपके अंदर से ईर्ष्या का भाव मिट जाएगा। आपको दुनिया के लोग कैसा ही क्यों न समझते हों, पर यदि आप आध्यात्म के इन तीन दर्पणों में अपना चेहरा देखेंगे, तो आप अपने असल रूप को सही से समझ जाएंगे और इन तीन गुणों को अपनाने के बाद में आपको जीवन में सफलता भी मिलेगी।