समाज में एक ओर जहां महिलाओं का शोषण दहेज के नाम पर होता है वहीं दूसरी ओर अपने ही देश में एक ऐसा स्थान भी है, जहां पर लड़कियों के पैदा होने पर जश्न मनाया जाता है। जी हां, यह सच है और आज हम आपको अपने देश के इस स्थान के बारे में जानकारी दे रहें हैं जहां लड़कियों के पैदा होने की कामना की जाती है, पर इससे पहले हम आपको यह बता दें कि यह सब “वधू मूल्य” के कारण होता है। आमतौर पर लड़की की शादी में उसका पिता दहेज के कारण ही ज्यादा चिंतित रहता है, पर आज हम जिस क्षेत्र की बात आपसे बता रहें हैं वहां लड़की का पिता अपनी बेटी की शादी में वधू मूल्य के दम पर अपने सभी कर्ज तक चुका देता है, आइए अब आपको विस्तार से बताते हैं इस बारे में…
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सबसे पहले आपको हम यह बता दें कि “वधू मूल्य” की यह प्रथा मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, धार तथा झाबुआ आदि जिलों के आदिवासी क्षेत्रों में काफी पुराने समय से चलती आ रही है। आज के समय में जहां लड़की के पैदा होने पर समाज के तथाकथित सभ्य समाज के लोगों के चेहरों पर मायूसी छा जाती है, तो वहीं दूसरी ओर इन आदिवासियों के क्षेत्रों में लड़की के जन्म पर जश्न मनाए जाता है। वधू मूल्य की प्रथा इन आदिवासियों के क्षेत्र में आज भी पूरे शबाब पर है, जबकि वाकई समाज में विवाह को लेकर काफी बदलाव आ चुके हैं। वधू मूल्य के तहत लड़की के पिता को लड़के पक्ष को विवाह के पहले मूल्य चुकाना पड़ता है, जो उस समय और भी ज्यादा हो जाता है जब लड़का पहले से शादीशुदा होता है या उसके पहले से बच्चे होते हैं। वहीं यदि कोई लड़का किसी लड़की से विवाह करने की इच्छा जाहिर करता है, तो यह वधू मूल्य और भी ज्यादा हो जाता है। इसी कारण से लड़की के जन्म के समय इन आदिवासियों में खुशी मनाई जाती है, जो कि हमारे सामान्य समाज में कहीं दिखाई नहीं देती है।