प्राचीन समय में आज के जैसा लोकतंत्र नहीं था, राजतंत्र में राजा महाराजाओं का जमाना था, उस समय लोग राजाओं को बहुत सम्मान देते थे और उनके द्वारा कही गई हर बात को ईश्वर का ही आदेश मानते थे। वर्तमान समय में इस बात पर शायद हो कोई विश्वास कर पाए, पर आज भी भारत के छत्तीगढ़ राज्य के एक स्थान पर इस बात का प्रभाव साफ देखा जा सकता है, आइए जानते हैं इस स्थान के बारे में।
वैसे तो दुनिया में बहुत से धार्मिक स्थान हैं, पर आज हम जिस मंदिर के बारे में बता रहें हैं उसकी मूर्तियां छूने से भी लोग डरते हैं। जी हां, यह सच है आज हम आपको एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं, जिसकी मूर्तियों को लोग आज भी छूने से डरते हैं। आपको बता दें कि यह मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के जिले जगदलपुर से करीब 35 किमी दूरी पर इंद्रावती नदी के किनारे बसे “छिंदगांव” में स्थित है।
image source:
इस गांव में एक मंदिर स्थित है जिसमें 10 वीं शताब्दी की कुछ मूर्तियां रखी हुई हैं, पर यहां के लोग इन मूर्तियों को छूने से आज भी डरते हैं, क्योंकि आज से करीब 70 वर्ष पहले यहां के राजा ने इन गांव वालों को यह आदेश दिया था कि कोई भी इन मूर्तियों को कोई न छुएं। आज भी इस मंदिर में राजा की आज्ञा की तख्ती लटकी हुई है।
गांव के लोगों का मानना है कि यदि वे इन प्रतिमाओं को छुएंगे, तो उनको अभिशाप लगेगा इसलिए यहां के ग्रामीण इस मंदिर में रखी मूर्तियों को नहीं छूते हैं। स्थानीय लोगों का कहना यह भी है कि “बस्तर” के राजा यहां लंबे समय तक शिव उपासना के लिए आते रहें हैं और उन्होंने इन प्राचीन मूर्तियों को संरक्षित करने के कई प्रयास किए थे। वर्तमान में इन मूर्तियों को संग्रहालय ले जाने की कोशिश की जा रही है, पर गांव के लोग इस कार्य का विरोध कर रहें हैं।