कुछ ही समय पहले राजस्थान के अलवर जिले से एक खबर आई थी जिसमें गाय ले जा रहें कुछ मुस्लिम लोगों की झड़प “गोरक्षक दल” के लोगों से हो गई थी। इस लड़ाई में एक मुस्लिम व्यक्ति की मौत भी हो गई थी और इस मामले ने भारतीय मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थी, पर हम आपको बता दें कि राजस्थान का यह अलवर जिला भाईचारे की एक मिसाल के रूप में भी जाना जाता है। यहीं पर एक ऐसा स्थान है जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों ही साथ में अपनी इबादत तथा पूजा करते हैं। आज आपको हम उस स्थान के बारे में ही जानकारी देने जा रहें हैं।
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राजस्थान के अलवर जिले में “मोती डूंगरी की पहाड़ी” पर “संकट मोचन हनुमान मंदिर” तथा “सैयद दरबार की मजार” एक ही छत के नीचे स्थित है। यहां आपको एक ही स्थान पर आरती तथा नवाज की आवाज सुनाई पड़ जाएगी। मुस्लिम लोग यहां आकर नवाज पढ़ते हैं तथा दुआ मांगते हैं, तो वहीं दूसरी ओर हिंदू लोग यहां पर भगवान हनुमान को प्रसाद आदि चढ़ाकर पूजन भी करते हैं।
इस जगह पर आपको जिस थाल में मंदिर का प्रसाद मिलता है, उसी में थाल में दरगाह का भी प्रसाद दिया जाता है। यही यहां की सबसे बड़ी खासियत है। यहां की दरगाह के बाबा का कहना है कि जब मंदिर तथा मजार हमें एक ही स्थान पर ले आते हैं तो हम लोगों को अपने जीवन में भी साथ-साथ मिलकर चलना चाहिए।