फूलों का हार या लातों की मार:- आप तय करें
मामला चाहे देश की सुरक्षा का हो या देश में आई किसी भी प्राकृतिक आपदा का, इन सभी जगहों पर देश की सेना ही एक मात्र सहारा होती है और भारत एक ऐसा देश है जहां के सैनिक को देश के नागरिक सबसे ज्यादा सम्मान देते हैं| लेकिन जब आपकी सुकून भरी नींद के लिए रातों को सीमा पर जागने वाले सैनिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार होता है तो देश के प्रति निष्ठा रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति की नाराजगी को नाजायज नहीं कहा जा सकता है।
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हम बात कर रहें हैं उस वीडियो की जो वर्तमान में सर्वाधिक वायरल हो रहा है| यह वीडियो कश्मीर में हाल ही में हुए उपचुनावों के मतदान स्थल का बताया जा रहा है जिसमें सड़क पर गुजरते हुए एक भारतीय सैनिक को एक स्थानीय कश्मीरी युवक लात मारता दिखाई दे रहा है। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर आने के बाद लोगों की तीखी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है जिनको असहज और अंध देश भक्ति का लबादा नहीं पहनाया जा सकता| क्योंकि सैनिक देश की संपत्ति होता है और देश की अस्मिता के लिए अपना जीवन दान देता है इसलिए सैनिक का अपमान देश का अपमान ही होता है। वीडियो में दिखाया गया है कि भारतीय सैनिक फ्लैग मार्च के दौरान सड़क से गुजर रहा था और उस समय एक कश्मीरी युवक ने सैनिक के पैरों में अपनी एक टांग जबरन घुसा डाली जिसके कारण सैनिक को अचानक झटका लगा और उसका बुलेटप्रूफ कैप सिर से उतर कर दूर जा गिरा। सैनिक ने इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया करने की बजाय अपने कैप को सड़क से उठाया और आगे बढ़ गया।
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विचार यह करना चाहिए की ये लोग आखिर कौन हैं जो भारत की अस्मिता को सड़क पर बिखेरने की मानसिकता लिए हुए हैं| ये आखिर कौन लोग हैं जो भारत के गणतंत्र का सरे-राह मजाक बनाने से नहीं चूकते हैं और ये आखिर कौन लोग हैं जो अपने अंदर अलगाव और आतंक की मानसिकता लिए हुए होते हैं। ऐसे लोग आखिर कहां पैदा होते हैं और कहां से मिलती है इनको इस मानसिकता की शिक्षा।
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कुछ समय पहले कश्मीर में आई भयंकर बाढ़ के बारे में आपको याद होगा ही उस बाढ़ में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका यही था और यही वे सैनिक थे जिन्होंने दिन-रात पानी में रह कर यहां के लोगों को नया जीवन दिया था और आज समय के घूमते चक्र ने फिर से सैनिक और कश्मीरी आवाम को आमने सामने ला खड़ा कर दिया है लेकिन इस कश्मीरी युवक ने अपनी असल मानसिकता का परिचय देकर अपनी “ईमान वाली आदर्शवादिता” का सार्वजनिक परिचय दिया है।
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इस वीडियो को देखने के बाद लोगों ने अपने तीखे विचारो से कश्मीरी लोगों की इस घटिया मानसिकता को अपना निशाना बनाया है। बहुत से लोग आज यह कहते पाए जाते हैं की कश्मीर को सैनिको ने ही अशांत किया हुआ है ऐसे लोगों को यह वीडियो जरूर देखना चाहिए ताकि उनको पता लग सके की असल में अशांति को फैलाने में “ईमान वाले” कितनी ईमानदारी से लगे हुए हैं। मशहूर क्रिकेटर गौतम गंभीर भी इस वीडियो को देखने के बाद खुद को अपने विचार देने से रोक नहीं पाए उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा “सेना के एक जवान को मारा जाने वाले एक थप्पड़ की कीमत सौ जिहादियों की जिंदगी है, जिन लोगों को आजादी चाहिए वे यहां से चले जाएं। कश्मीर हमारा है।”
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रक्तिम चक्रबर्ती ने भी गौतम गंभीर के विचार का समर्थन करते हुए अपने विचार प्रकट किये, उन्होंने लिखा ” यह बेहद ही शर्मनाक घटना है, इसको देख कर मेरा दिल टूट गया है सरकार को जीएसटी का कार्य बाद में करना चाहिए पर पहले इन सैनिको के हाथ खोल देने चाहिए।”, दूसरी और सीआरपीएफ़ के डीआईजी (श्रीनगर) संजय कुमार ने कहा है की हमने स्थानीय पुलिस से संपर्क साधा है ताकि वे हमारी मदद करे और सैनिकों को किसी प्रकार से कोई परेशान न कर सके।”, सीआरपीएफ़ के डीआईजी का बयान आम लोगों और सैनिको को सांत्वना देने के लिए काफी है पर असल में जिस कश्मीर पुलिस का डिप्टी सुपरिडेंट ही पिछले दिनों आतंकी लोगों से संपर्क रखने के कारण सस्पेंड किया गया हो उस कश्मीरी पुलिस पर कितना विश्वास करना जायज है और उससे कितनी सहायता की उम्मीद की जा सकती है यह समय ही बता सकेगा| खैर, वर्तमान समय का ज्वलंत प्रश्न यह है की देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए क्या धारा 370 हटनी चाहिए या नहीं और क्या कश्मीर में सैनिकों के हाथ पूरी तरह से खोल देने चाहिए अथवा नहीं। आप अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर दें।

