राजस्थान के अस्पताल ने सफल लिवर ट्रांसप्लांट कर रचा इतिहास

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प्रदेश का सबसे बड़ा जाना माना अस्पताल जिसनें शनिवार की सुबह एक सबसे बड़ी सफलता हासिल कर राजस्थान के लोगों को अनमोल तोहफा दिया है। सुबह का सूरज निकलने के पहले यहां के एसएमएस अस्पताल में पहला लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करके पूरे राजस्थान में एक उम्मीद की रोशनी जगा दी है। लिवर ट्रांसप्लांट करने से पहले काफी तैयारियां की गई थी, जिसमें जरा सी चूक होते ही मरीज को दिल्ली की ओर रवाना किया जा सके। इसके लिए लिवर डोनेट करने वाले और लिवर को लेने वाले मरीज की कई तरह की जांचे काफी रात तक होती रही, इसके अलावा दूसरी ओर कोई भी अनहोनी ना हो इसके लिए हवाई मार्ग से लिवर को दिल्ली ले जाने तक के लिए ग्रीन कॉरिडोर का इंतजाम भी पहले से करके रखा गया था।
एसएमएस अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट की कोई सुविधा मौजूद नहीं थी जिसके लिए वहा के डॉक्टर करीब 2 साल से काफी मेहनत कर रहें हैं। लेकिन ऐसा करने के लिए उन्होंने अब सफलता अर्जित कर ली है और यह अब राजस्थान का पहला और सबसे बड़ा लिवर ट्रांसप्लांट वाला अस्पताल बन गया है।

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लिवर ट्रांसप्लांट करने से पहले एसएमएस.(S.M.S.) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के तमाम बड़े डॉक्टरों ने इसके लिए पहले से काफी तैयार कर ली थी। इसके लिए दिल्ली के एम्स से भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की टीम जयपुर पहुंची। इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए सबसे पहले उसी अस्पताल के एक ब्रेन डेड डोनर के परिवार की सहमति के बाद लिवर के ट्रांसप्लांट के लिए नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया। जिस मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट करना था, उसको आइसोलेशन में अलग रखा गया था। इसके लिए ना केवल ओटी व आईसीयू तैयार किए गए बल्कि डॉक्टर्स से लेकर अस्पताल के पूरे स्टाफ को भी विशेष ट्रेनिंग दी गई। इस ट्रांसप्लांट के लिए दो बार आईएलबीएस की टीम इस अस्पताल का दौरा करने आई।

डोनर और रेसिपिएंट जयपुर के
आपको यहां बता दे कि एसएमएस (S.M.S) अस्पताल में किए गए इस लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लिवर को देने वाला और प्राप्तकर्ता दोनों ही जयपुर के रहने वाले थे। हरमाड़ा का रहने वाला 26 वर्षीय युवक जिसका सड़क दुर्घटना के बाद से ब्रेन डेड होने के कारण परिवार वालों ने उसके अंग में से लीवर और किडनी को दान करने की सहमति शुक्रवार को ही जताई थी। वहीं जिस मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट किया जाना था, वह पिछले 4 साल से लीवर सिरोसिस नामक रोग से ग्रस्त था, अब डॉक्टरों के द्वारा की गई कड़ी मेहनत से उस इंसान को जीने की एक नई उम्मीद मिली है।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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