आज के समय में अपराधिक गतिविधियां जितनी ज्यादा बढ़ रही है उसको रोक पाना काफी मुश्किल सा होने लगा है ऐसी कोई जगह नहीं है जो अपराधों से बची हो। जिसके चलते आज के समय में बलात्कार, चोरी, डकैती जैसी घटनाएं आम होती जा रही है। रोज सड़को पर होती मारकाट से अब लोग दहशत की जिदंगी जीने को मजबूर हो चुके है, पर आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहें हैं जहां पर इस तरह की वारदाते ना के बराबर ही सुनने को मिलती है। चारों ओर शांति एकता भाईचारे के साथ जीते लोगों के इस गांव में आज तक किसी बड़ी वारदात की घटना सुननमे को नहीं मिली है। बताया तो यहां तक जाता है कि इस जगह पर इन 23 सालों में सिर्फ 55 मुकदमे ही फाइल में दर्ज किये गये है। यह जगह है जैसलमेर के पास स्थित पाकिस्तान की सीमा से सटा शाहगढ़ा का थाना, जहां पर कई सालों तक कोई वारदात ही सुनने को नहीं मिलती है। इस थाने को 23 साल से एक हेड कांस्टेबल ही संभालता आ रहा है पर अब इस थाने में थानेदार को नियुक्त किया गया है।
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वीरान मरुस्थल के बीच बसा शाहगढ़ का यह थाना जहां पर दूर-दूर तक कोई मनुष्य भी दिखी नहीं देता। इस जगह पर गश्त के लिए निकलने वाले पुलिसकर्मियों को यहां पर सिर्फ इक्का-दुक्का ही लोग नजर आते है। सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि इस जगह पर थाने को बनाने की पहल सन् 1993 में सीमा पार से आने वाले तस्करों को रोकने के लिए की गई थी। जहां पर चारों ओर से घेराबंदी के बाद तस्करी पर लगाम लगा दी गई थी। सीमावर्ती क्षेत्र में बसा इस गांव की अबादी 10 हजार के करीब बताई जाती है। यहां पर साल 2014 में 3 मामले दर्ज कराए गये थे जो एक चोरी का, दूसरा मारपीट का और तीसरा सड़क दुर्घटना का था। इसके बाद 2015 में सिर्फ 2 मामले ही दर्ज हुए, वो भी सड़क दुर्घटना के। साल 2016 में अब तक कोई मामला नहीं दर्ज हुआ।