सीरिया और इराक के इस्लामिक स्टेट संगठन के खिलाफ फ्रांस ने अपना सबसे बड़ा युद्धपोत उतार दिया है। जिससे इस संगठन के खिलाफ जारी लड़ाई में फ्रांस को मजबूती मिलेगी । इस युद्धपोत से लड़ाई में शामिल जंगी जहाजो को दुश्मन के ठिकानों पर हवाई हमले करने में आसानी होगी।
इस्लामिक स्टेट के खिलाफ फ्रांस ने लड़ाई में और तेजी ला दी है। फ्रांस ने इस लड़ाई में अपना सबसे बड़ा युद्धपोत उतार दिया है] ताकि दुश्मनो को उनके ही ठिकानों में जल्द ही मार गिराया जा सके। फ्रांस ने अपना युद्धपोत शार्ल द गॉल को मौके की कमान संभाल लेने के लिए मैदान में आगे कर दिया है। अमरीका के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत फ्रांस सितंबर 2014 से इराक में आईएस को निशाना बना रहा है। उसने इस साल सितंबर में सीरिया में भी हवाई हमले किए थे। विमानवाहक युद्धपोत शार्ल द गॉल युद्धपोत को पहले भी आईएस के खिलाफ तैनात किया जा चुका है।
इस युद्धपोत को फरवरी से अप्रैल तक खाड़ी में फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों के लिए बेस के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।इस युद्धपोत के जरिए उन फ्रांसीसी विमानों को अपने मिशन में कम समय लगेगा जो इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं।फ्रांस इस समय आईएस को निशाना बनाने के लिए जॉर्डन में तैनात अपने छह मिराज युद्धक विमानों और यूएई में तैनात छह रफाएल विमानों का इस्तेमाल कर रहा है। शार्ल द गॉल युद्धपोत 40 विमानों को संभाल सकता है और उससे हर रोज 100 उड़ानें भरी जा सकती हैं। इस युद्धपोत से फ्रांस की ताकत मे इजाफा हुआ है।