गुफाएं तो आपने बहुत सी देखी ही होंगी पर आज हम आपसे जिस गुफा के बारे में बात करने जा रहें है यह बहुत ही रहस्यमय है और इसका रहस्य आज तक किसी को पता नहीं लग सका है क्योंकि इस गुफा के अंत का आज तक कोई पता नहीं लग सका यानी आज तक कोई यह नहीं जान पाया है कि यह गुफा आखिर ख़त्म कहां होती है। आइये आज आपको बताते हैं इस रहस्यमय गुफा के बारे में।
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कहां है यह गुफा –
यदि आप भोपाल से करीब 115 किमी आगे चलेंगे तो आपको विंध्याचल पर्वत श्रृंखलायें मिलेंगी, इस जगह से आपको अपना वाहन छोड़कर पैदल ही करीब 2 किमी चलना होता है। पर्वत श्रृंखलाओं के एक पहाड़ पर ही यह गुफा स्थित है। जब आप इस गुफा की ओर बढ़ते हैं तो छोटा सा आश्रम मिलता है और यहां पर रहने वाले बाबा जी को ही इस गुफा के रास्ते का पता है इसलिए इस गुफा तक बाबा जी ही आपका मार्गदर्शन करते हैं। आश्रम से कुछ दूर चलने के बाद में आपको गुफा का मुख्य द्वार दिखाई देने लगता है और इस स्थान से ही शुरू होता है गुफा का रहस्य।
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कैसी है गुफा –
जब आप गुफा के अंदर जाते हैं तो पहले आपको एक छोटा सा मंदिर दिखाई पड़ता है और इसके बाद घुप्प अंधेरा होता है, इसलिए आगे जाने के लिए टार्च साथ में रखना जरुरी हो जाता है। गुफा के अंदर जाने पर आपको बड़े-बड़े पत्थर मिलते हैं और इन पत्थरों को पकड़ कर ही आगे बढ़ा जाता है। पत्थरों के इस रास्ते पर करीब एक किमी चलने के बाद में आपको एक बड़ा हाल मिलता है जहां पर करीब 500 लोग एक साथ आ सकते हैं। इस गुफा में कहीं-कहीं दीवारों पर कुछ चित्र भी आपको बने हुए दिखाई देते हैं। गुफा काफी डरावनी और शांत है। इस गुफा में आपको पानी और मछलियां भी देखने को मिलती है। गुफा की सबसे बड़ी खासियत है यहां की जमीन और गुफा का अंत। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस गुफा की जमीन एकदम मखमली है इसके अलावा इस गुफा में आप जितने भी आगे जाते हैं यह गुफा उतनी ही बढ़ती जाती है यानी इस गुफा के अंत का पता आजतक नहीं लग पाया है।