जैसा की आप सब जानते ही हो की हमारी धरती पर सिर्फ एक तिहाई पानी ही पीने के योग्य है और जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण अनेक देशों में पीने के पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसी परिस्थितियों में भारत के वैज्ञानिक ने एक क्रांतिकारी आविष्कार किया है। जिसके कारण भारत का नाम एक बार फिर से विज्ञान की दुनिया के विश्व पटल पर चमकने लगा है। असल में इस वैज्ञानिक ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है जो की गटर या सीवेज के गंगे पानी को कुछ ही समय में पीने योग्य पानी में बदल देती है। आइये जानते हैं इस वैज्ञानिक और इसकी मशीन के बारे में।
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मशीन का निमाण करने वाले इस वैज्ञानिक का नाम है डॉ. राजन विजय और उनकी बनाई मशीन का नाम है ” बूम ट्यूब रेजो़नेटर”, इस मशीन की सहायता से ही डॉ. राजन विजय अपने कैम्पस के लिए 10 हजार लीटर पानी का इंतेजाम रोज करते हैं। उनकी यह मशीन सीवेज के पानी को साफ़ करने के लिए बिल्कुल सही पायी गई है। यह मशीन पानी में घुले डिटर्जेंट, मल-मूत्र या अन्य गंदगी को अपनी उच्च तीब्र तरंगो के जरिये साफ कर देती है।
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डॉ. राजन की इस खोज की चर्चा अब पूरी दुनिया में हो रही है। हालही में उनको ओमान तथा दोहा से करीब 3 लाख लीटर पानी रोज बनाने का ऑफर मिला है। इसके अलावा मलेशिया से भी 10 लाख लीटर पानी रोज निर्मित करने काम का प्रस्ताव उनको मिला है। डॉ. राजन ने यह साबित कर दिया है कि भारत ने हमेशा इस प्रकार के अविष्कारों को जन्म दिया है। जिनका उपयोग करने से सारी मानवजाति अपना विकास कर सकें। हम डॉ. राजन को उनके इस अविष्कार के लिए बधाई देते हैं।