बकरे आपने बहुत देखे होंगे पर आज हम आपको एक ऐसे बकरे से मिलवाने जा रहें हैं जिसके कानों पर खुदा का नाम प्राकृतिक रूप से लिखा हुआ है तथा यह बकरा अन्य बकरों की तरह घास नहीं बल्कि ड्राई फ्रूट्स खाता है। आइये जानते हैं इस बकरे के बारे में।
यह बकरा राजस्थान के सैपऊ उपखण्ड के बसई नबाब नामक कस्बे में पाया गया है। यह बकरा मुस्लिम वर्ग के परिवार में रहता है और यह आसपास के लोगों सहित मुहल्ले से सभी लोगों में कौतुहल का विषय बन चुका है। असल में इस बकरे के कानों पर खुदा का नाम लिखा हुआ है जो की खुद ब खुद से ही इस बकरे के कानों पर उभर गया है। इसके अलावा यह बकरा अन्य बकरों की तरह घास नहीं खाता बल्कि यह ड्राई फ्रूट्स खाता है और तो और यह बकरा नहाता भी “डव” साबुन से है। घर के लोगों की मानें तो बकरे के कानों पर लिखे शब्द “अल्लाह व बिस्मिल्लाह” हैं।
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बकरे के कानों में प्राकृतिक रूप से लिखे हुए यह शब्द ही बकरे को चर्चित बनाने का कारण बन चुके हैं। वर्तमान समय में इस बकरे को देखने वाले लोगों की घर में भीड़ लगी रहती है। यह बकरा मोहल्ले में अब कौतुहल का विषय बन चुका है। नबाब कस्बे की शीतल मंडी मोहल्ले में इस बकरे का जन्म फिरोज खान के घर पर ही 17 महीने पहले हुआ था।
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तब से आज तक यह बकरा फिरोज खान के घर पर ही पल रहा है, एक दीनी प्रोग्राम में आये एक मौलवी साहब ने इस बकरे को देखा तो उनकी निगाह एकाएक इस बकरे के कान पर चली गई और जब मौलवी साहब ने इस बकरे के कान पर बने खास डिजाइन को अच्छे से देखा तो वे चकित रह गए, उन्होंने बताया कि इस बकरे के एक कान पर अल्लाह तथा दूसरे कान पर बिस्मिल्लाह लिखा है। उन्होंने आगे कहा कि यह बकरा अल्लाह की बंदगी में आ चुका है इसलिए इसका खास ध्यान रखा जाए। उस समय से ही घर के सभी लोग इस बकरे का ख़ास ध्यान रखते हैं और अपने घर के सदस्य की तरह ही इसकी देखभाल करते हैं।