आज के समय में लोगों के पास मंदिर जाने तक का समय नहीं हैं। इतना ही नहीं आज के दौर में तो युवा पीढ़ी घर में भी पूजा करने से कतराती हैं। कामकाजी लोगों को भी भगवान की भक्ति के लिए समय नहीं मिलाता है। लेकिन आज हम आपको एक कुत्ते की ऐसी भक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनने के बाद आपको भी उसकी खूबियों और भगवान के प्रति अटूट आस्था का पता चलेगा। यह कुत्ता आस पास के क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों के लिए एक मिशाल बन गया है।
कहा जाता है कि जानवरों में भक्ति की समझ नहीं होती एक मनुष्य ही भक्ति कर अपने खुदा या भगवान को याद करता है। लेकिन बैंगलुरू के एक कुत्ते ने इस बात को गलत साबित करके दिखाया है। इतना ही नहीं यह कुत्ता अपनी खूबियों के चलते सभी के लिए आर्कषण का केंद्र भी बन गया है। बैंगलुरू में पुत्तेनहल्ली नाम का एक छोटा सा कस्बा है। इस कस्बे में माता लक्ष्मी का मंदिर है। यह कुत्ता मंदिर के पास ही एक दुकान के नजदीक रहता है। कुत्ता कई सप्ताह से हर सुबह लगातार मंदिर की परिक्रमा करता। पहले सभी ने इस बात की ओर ध्यान न दिया और सोचा कि कुत्ता किसी भक्त के पीछे खाने की तलाश में ऐसा कर रहा होगा। लेकिन जब यह सिलसिला लगातार ऐसे ही चलता रहा तो लोगों ने इस बात पर गौर किया। जानकारी के अनुसार यह कुत्ता हर रोज सुबह 4 बजे से 10 बजे तक लगातार मंदिर की परिक्रमा करता है।
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साधारण नहीं है यह कुत्ता
वहीं कुछ लोगों ने इस कुत्ते को साधारण कुत्ता मानकर इसे मंदिर के पास से भगा दिया। लेकिन जैसे ही लोगों का ध्यान उस पर से हटा वो दोबारा माता के मंदिर की परिक्रमा करने लगा। इतना ही नहीं मंदिर के पुजारियों का कहना है कि यह कुत्ता सुबह मंदिर के कपाट खुलते ही यहां पर आ जाता है और परिक्रमा को शुरू करता है। पहली परिक्रमा को पूरा करने के पश्चात् यह दक्षिण पूर्व में अपना सिर झुकता है और अपनी परिक्रमा को जारी रखता है। मंदिर में भीड़ होने पर जब इसको परिक्रमा करने की जगह नहीं मिल पाती है तो यह अपनी परिक्रमा को शाम को पूरा करता है।
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सबके लिए बना आर्कषण का केंद्र
अब पुत्तेनहल्ली में रहने वाले लोगों के लिए यह कुत्ता एक आर्कषण का केंद्र बन गया हैं। कुत्ते के कारण ही अब मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है। जो भी भक्त इस मंदिर मे पूजा करने आता है। वह इस कुत्तें को जरूर देखता है। इस कुत्ते ने आस्था की नई मिशाल कयाम की है।