जैसा की आप सब जानते ही होंगे कि पृथ्वी के गर्भ में जब 2 प्लेट्स आपस में टकराती है तो भूकंप आता है और इस प्रकार के भूकंप को रोका भी नहीं जा सकता। देखा जाए तो प्रकृति ने समय समय पर इस प्रकार के अपने कई रूप हमारे सामने पेश किये हैं। कभी चक्रवात के रूप में, कभी सुनामी के रूप में तो कभी भूस्खलन के रूप में परंतु भूकंप एक इस प्रकार की घटना होती है जिसने मानवजाति को कुछ ज्यादा ही डराने का कार्य किया है। आइये पहले हम जानते हैं अपनी धरती पर आये इन भूकंपों के बारे में जिनसे बड़ी मात्रा में जनधन की हानि हुई है।
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- 26 जनवरी 2001- यह भूकंप गुजरात के भुज में 7.7 की तीव्रता के साथ में आया था, इसमें करीब 20 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
- 8 अक्टूबर 2005- यह भूकंप 7.6 तीव्रता के साथ में उत्तरी पाकिस्तान में आया था, इसमें 86 हजार लोगों की मृत्यु हुई थी और 69 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
- 20 सितंबर 2011- 6.8 तीव्रता का यह भूकंप सिक्किम में आया था, जिसमें 68 लोग मर गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे।
- 25 अप्रैल 2015- 7.9 की तीव्रता से यह भूकंप नेपाल में आया था और इसका केंद्र नेपाल का लामजुंग जिला था। इस भूकंप में जानमाल की बड़े पैमाने पर हानि हुई थी।
आइये अब आपको बताते हैं आने वाले भूकंप के बारे में।
ये है आने वाले भूकंप की सच्चाई –
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नेचर जियोसाइंस नामक एक जर्नल जो की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से जुड़ा है, के एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बांग्लादेश एवं पूर्वी भारत में एक बड़ा भूकंप आ सकता है। इस रिसर्च के मुताबिक “धरती के इस हिस्से में लगातार दबाव बना हुआ है जो कि एक बड़े भूकंप को पैदा कर सकता है, जिसकी पहुंच में करीब 14 करोड़ लोग होंगे।”
माइकल स्टकलर, जो की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और जियोफिजिस्ट हैं ने अपनी रिपोर्ट में बताया है की “पूर्वी भारत का एक बड़ा हिस्सा खतरनाक भूकंप की आशंकाओं से घिरा हुआ है, रिपोर्ट में जिस इलाके का जिक्र किया गया है, वो करीब 100 किलोमीटर तक फैला हुआ है और इस भूकंप का सेंटर बांग्लादेश और भारत की सीमा के नजदीक हो सकता है।” इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश का यह एरिया काफी गरीब और बड़ी आबादी वाला है इसलिए इस स्थान पर इस भूकंप के परिणाम बहुत ज्यादा भयानक हो सकते हैं।
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सैयद हुमायूं अख्तर, जो की इस रिपोर्ट के सहलेखक और ढाका यूनिवर्सिटी के जियोलोजिस्ट भी हैं ने कहा है कि ” इस भूकंप का सेंटर गंगा और ब्रहमपुत्र नदी के डेल्टा से 19 किलोमीटर धरती के नीचे हो सकता है, इस भूकंप से आस-पास का 62 हजार स्क्वायर किलोमीटर का इलाका प्रभावित होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बिल्कुल उसी तीव्रता का होगा, जिससे साल 2004 में आई सुनामी पैदा हुई थी।” आपको जानकारी के लिए यह भी बता दें कि 2004 में आई इस सुनामी में 2 लाख 30 हजार लोग मारे गए थे।