यह बात काफी अचंभित करने वाली है कि कोई देश कूड़े से सड़क का निर्माण भी कर सकता है। असल में अभी तक दुनिया के किसी भी देश में इस प्रकार की शुरूआत नहीं हुई है यानि कि ऐसी सड़क अपने देश में दुनिया में पहली बार बनेगी, लेकिन हम आपको यह बता दें कि यह कार्य यूं ही नहीं किया जा रहा है। इस पर काफी समय से गहन शोध हुआ है और इस शोध को किया है सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने।
कूड़े से सड़क का निर्माण सर्वप्रथम दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर होगा जो कि अगस्त में प्रारम्भ हो जाएगा। नेशनल हाइवे आथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार “दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के 16 लेन के पहले चरण में सराय काले खां से यूपी गेट के बीच करीब साढ़े 8 किलोमीटर की दूरी में गाजीपुर के लैंडफिल साइट के म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट को सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा।”
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सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर सतीश चंद्र ने इस बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “फिलहाल गाजीपुर के लैंडफिल साइट में 12 मिलियन टन कचरा है और रोजाना यहां 3000 टन कचरा पहुंचता है। इसका इस्तेमाल सीधे सड़क में नहीं कर सकते। लिहाजा सेग्रिगेशन मेथड के जरिए शीशा, मेटल, कपड़ा, प्लास्टिक आदि को अलग करना होगा। तब यहां पड़े कचरे का करीब 60-65% सड़क बनाने के काम में ला सकते हैं। जितना कूड़ा यहां पड़ा है उससे 20 किलोमीटर लंबी सड़क बन सकती है।”
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कचरे की कटाई और छटाई से जो भी कचरा बचेगा उसको बिजली उत्पादन के कार्य में लगाया जायेगा। बता दें कि यदि यह कार्य सफल हो जाता है तो 6000 शहरों में कचरे से होने वाली परेशानी समाप्त हो जाएगी।