21 जून को इंटरनेशनल योग-डे मनाया जाता है, जिसकी शुरूआत भारत में पीएम नरेन्द्र मोदी ने की थी। इस बार होने वाले योग-डे कार्यक्रम के लिए देश के अन्य हिस्सों के साथ ही चंडीगढ़ भी पूरी तरह तैयारी है। जहां कैपिटल कॉप्लेक्स में 30 हजार लोग योगा का प्राभ्यास कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम बहन-भाई भी रमजान का रोजा होने के बावजूद योगा करने में मशगूल हैं। रविवार के दिन मुस्लिम युवक और युवतियों ने पारंपरिक परिधान में वर्धान आयुर्वेदिक संस्था के बैनर तले योगा किया।
इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को ये भी संदेश दिया कि वो योग दिवस जैसी अनोखी पहल से बेहद खुश हैं। उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने को तैयार हैं। दरअसल ये महिलाएं उन लोगों को मुंह तोड़ जवाब देना चाहती हैं जिनकी मानसिकता ये है कि योग धर्म विशेष है। इन मुस्लिम बहनों का कहना ये है कि योग किसी धर्म विशेष का नहीं बल्कि पूरे देश का है, जिसका मुख्य उद्देश्य अच्छा स्वास्थ्य है।
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मुस्लिम समाज के लिए योग दिवस का आयोजन करने वाले वर्धान आयुर्वेदिक संस्था के निदेशक सुभाष गोयल ने कहा कि वो काफी समय से इस योग के कार्यक्रम को आयोजित करने वाले थे। वो चाहते थे कि योग को धर्म, मजहब और हर समुदाय में प्रचलित किया जाए। जिसके चलते उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए योगा का आयोजन कराया। आपको बता दें कि इस बैनर के तले पंजाब के कई स्कूलों में योगा की पहल हो चुकी है।