अब पानी पर चलना हो गया है संभव, पढ़ें इस पूरी खबर को

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अमेरिकी कलाकार क्रिस्टो ने 1970 के दशक में एक सपना देखा था कि काश मानव पानी पर चल पाये और वर्तमान में उन्होंने इस सपने को सच भी कर दिखाया है। “द फ्लोटिंग पियर्स” नाम की उनकी रचना के कारण अब कोई भी पानी पर चल सकता है। 18 जून से 3 जुलाई 2016 के बीच उत्तरी इटली के एक छोटे से गांव में करीब 8 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद है जो कि क्रिस्टो की इस नवनिर्मित रचना को देखने के लिए यहां आएंगे। इसलिए इस इलाके की वर्तमान मेयर फियोरेला तुर्ला भी काफी खुश हैं।

Floating Piers1Image Source:

ये सारे पर्यटक क्रिस्टो की रचना यानि तैरते बांध को देखने के लिए यहां पहुंचेंगे, जो कि करीब 3 किमी लम्बे पियर्स सुल्जानो को इजियो लेक में बसे दो पास के द्वीपों से जोड़ता है। इस प्रोग्राम में आने के लिए किसी से कोई फीस नहीं ली जाएगी। क्रिस्टो का कहना है कि यह एक कला है और हर कोई इसका आनंद ले सकता है। इसको व्यावसायिक न बनाया जाए। क्रिस्टो को अपनी इस कृति को बनाने में 1.3 करोड़ का खर्चा आया, जो कि उन्होंने अपने स्केच और पेंटिंग बेच कर कमाया था।

Floating Piers2Image Source:

क्रिस्टो का बनाया यह बांध 16 मीटर चौड़ा है जो कि तैराकी में काम आने वाले पीपों पर बनाया गया है। मेयर फियोरेला तुर्ला, क्रिस्टो की इस रचना को क्रिस्टो का चमत्कार कहती हैं। इसको प्रयोग करके अब लोग घूमते हुए ही मॉन्टे इसोला तथा सैन पाओलो द्वीपों तक आराम से जा सकेंगे। क्रिस्टो ने पानी पर चलने का यह आइडिया अपनी पत्नी जॉँ क्लोद के साथ बनाया था, परन्तु 2009 में ही उनका देहांत हो

Floating Piers3Image Source:

इस आर्ट इंस्टॉलेशन के लिए पॉलीएथीलिन से बने 220,000 तैरने वाले क्यूब बनाये गए थे और इनसे ही 3 किमी लंबा पुल बनाया गया तथा फिर उसको फैब्रिक से ढका गया। वर्तमान में यह पुल तैयार हो चुका है और लोग इसका प्रयोग कर रहे हैं। इस प्रकार से क्रिस्टो का पानी पर चलने का सपना पूरा हो चुका है।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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