आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने मलाला यूसुफजई को नोबेल पुरस्कार दिए जाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि मलाला ने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिसके कारण उसे इस सम्मान से नवाजा गया। मलाला को यह पुरस्कार दिए जाने के मैं खिलाफ हूं। जो इस पुरस्कार को पाने के योग्य हो उसे ही इस पुरस्कार से सम्मानित करना चाहिए। वहीं जब श्री श्री के इस बयान ने तूल पकड़ लिया तो वह यू टर्न लेते नजर आए। अब उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।
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क्या है पूरा मामला-
बीते दिनों लातूर में श्री श्री रविशंकर से पूछा गया था कि क्या वो अपने काम नोबेल पुरस्कार पाने के लिए कर रहे हैं, इस पर श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि वह कई वर्षों से समाज की सेवा में लगे हुए हैं। हर अच्छा काम केवल पुरस्कार के लिए ही नहीं किया जाता है। इसके अलावा मलाला की बात पर उन्होंने यह कहा कि ‘जब किसी 16 साल की लड़की को बिना किसी काम के नोबेल पुरस्कार मिल सकता है तो आप समझ सकते हैं कि आपको इस पुरस्कार को पाने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसमें राजनीतिक भूमिका ज्यादा रहती है।’
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एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक श्री श्री रविशंकर ने मलाला को दिए गए नोबेल पुरस्कार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वह नोबेल पुरस्कार को मलाला को दिए जाने के खिलाफ हैं। मलाला ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिससे उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया। साथ यह पुरस्कार उन्हीं को दिया जाना चाहिए जो इसके हकदार हो। अखबार के मुताबिक श्री श्री ने यह भी कहा कि मुझे इस पुरस्कार का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे मैंने ठुकरा दिया।
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने श्री श्री रविशंकर के मलाला को नोबेल पुरस्कार दिए जाने का विरोध करने पर नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी। वहीं इस पूरे मामले पर अब श्री श्री रविशंकर ने अपने पूर्व के सभी बयानों का खंडन किया है। कहा है कि उनके सारे बयानों को गलत ढंग से सभी के सामने पेश किया गया है। उन्होंने इस तरीके से कोई भी बात नहीं की थी।