दिल्ली और एनसीआर में भूकंप आने का खतरा मंडरा रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एक रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई तक दिल्ली एनसीआर में तेज भूकंप से धरती डोल सकती है। इस चेतावनी के बाद से ही दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली की कई बड़ी इमारतों की जांच की जाने लगी है, लेकिन एनसीआर के अन्य जोन में इस तरह के खतरे को लेकर किसी प्रकार की योजना तैयार नहीं की जा रही है।
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राष्ट्रीय आपदा प्रंबधन प्राधिकरण की ओर से एक रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 26 जुलाई तक एनसीआर में तीव्र गति का भूकंप आने का अनुमान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार का भूकंप काफी तेज होगा, जिसमें जानमाल का बड़ा नुकसान होने की अंशका है। इस खतरे को लेकर दिल्ली में इमारतों की जांच का काम करने के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया है।
वहीं एनसीआर के इलाकों में इस खतरे को लेकर अभी किसी तरह की तैयारी नहीं की गई है। गुरुग्राम और नोएडा में कई बड़ी इमारतें हैं। अगर तीव्र भूकंप आया तो सबसे ज्यादा नुकसान नोएडा और गुरुग्राम को ही झेलना पड़ेगा।
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खतरनाक होगा इस बार का भूकंप-
नदी के सटे हुए इलाकों में भूकंप ज्यादा प्रभावशाली होता है। नोएडा भी यमुना नदी के पास ही बसा हुआ है। वहीं दिल्ली के कई इलाके यमुना के ठीक पास ही बसे हुए हैं। ऐसे में इन इलाकों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। सिसमिक जोन पांच भूकंप के लिए बेहद ही खतरनाक माना जाता है।
नोएडा में जल्द होगा टीम का गठन-
इस भूकंप से निपटने के लिए नोएडा प्राधिकारण की ओर से भी जल्द ही टीम का गठन किया गया जाएगा। साथ ही लोगों को भूकंप से बचने के उपायों के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। यह टीम उन इमारतों को भी चिन्हित करेगी जो भूकंप के झटकों को झेलने के काबिल नहीं हैं।

