खुदाई में मिला नर कंकाल खोलेगा हज़ारों साल पुराने लोगों के राज़

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यह तो आप सभी जानते ही हैं कि आज से हजारों साल पहले भी कई मानव सभ्यता इस धरती पर थी, पर क्या आप जानते हैं कि हज़ारों साल पहले के लोग आखिर कैसे थे, किस प्रकार से दिखते थे और किस प्रकार से रहते थे। यदि नहीं तो आपको बता दें कि हरियाणा में खुदाई में मिला एक नर कंकाल आपके ऐसे सारे प्रश्नों को हल कर देगा।

कैसे मिला यह नर कंकाल –

15_news_1460673760Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/

वर्ल्ड आर्किलॉजिकल की हरियाणा में खुदाई चल रही है और इसी की साइट राखीगढ़ी में एक हजारों साल पुराना नर कंकाल मिला है, जिसकी वजह से प्राचीन रहस्यों से पर्दा उठने की उम्मीद है। इस रिसर्च में कई विदेशी लोगों सहित डेकन कालेज पुणे के स्टूडेंट्स भी शमिल हैं। असल में हरियाणा के राखीगढ़ी में पिछले कई दिनों से खुदाई का कार्य चल रहा है और वहां पर ही यह कंकाल मिला है। राखीगढ़ी में कई ऐसी साइट्स भी हैं जहां पर हड़प्पा संस्कृति के समय के अवशेष मौजूद हैं पर यहां की साइट नंबर 6 अवशेषों की दृष्टि से हड़प्पा से भी पुरानी लगती है।

कैसा है नरकंकाल –

12_news_1460673759Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/

राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान एक महिला का नरकंकाल मिला है और उससे पता लगता है कि उस दौरान महिलाओं की लम्बाई करीब 6 फुट रही होगी। इस प्रकार से उस समय के लोगों की लम्बाई भी रिसर्च टीम का अहम हिस्सा बन गई है। इस महिला के गले में एक अजीब तरह की माला भी है और उस माला के बारे में पुरातत्व अधिकारियों का कहना है कि यह माला कार्नेलियस बीड्स की है। इस प्रकार की माला अफगानिस्तान में ही मिलती थी। इस प्रकार से देखा जाये तो हिसार के उस समय एक बिजनेस एरिया होने का प्रमाण मिलता है। साथ ही यह बात भी पुख्ता होती है कि उस समय यहां से काफ़ी बिजनेस होता था और अन्य देशों तक फैला था।

इस रिसर्च के अच्छे रिजल्ट के लिए 5 कंकालों को इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस नेशनल यूनिवर्सिटी कोरिया भेजने की तैयारी चल रही है ताकि हड़प्पा काल और पुरातन मानव सभ्यता के बारे में अधिक राज खुल सकें।

हरियाणा के पुरातत्व अधिकारी एसपी चालिया ने बताया कि खुदाई के दौरान पहले बिना ईंटों के सिर्फ मिट्टी पोतकर बनाए गए मकान मिले हैं, जिसे हड़प्पा से पहले का कहा जाता है। इस रिसर्च में खुलने वाले रहस्य मानव विकास में भी सहायक हो सकते हैं।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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