सूखाग्रस्त महाराष्ट्र के हालातों से पूरा देश वाकिफ है। सब को यह भी पता है कि आईपीएल मैच मुंबई में शुरू होने वाले हैं। 8 अप्रैल को आईपीएल का शुभारंभ है। जिसके बाद 9 अप्रैल को पहला मैच मुंबई के एक स्टेडियम में खेला जाएगा। जिसकी तैयारियां जाहिर सी बात है कि शुरू हो गई हैं, लेकिन महाराष्ट्र में एक ओर जहां लोग पानी को तरस रहे हैं। वहीं अब महाराष्ट्र आईपीएल के मैचों में पानी की बर्बादी को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है। जिसकी एक पीआईएल को लेकर बुधवार को बॉम्बे हाई-कोर्ट में सुनवाई भी हुई। जिसमें यह दावा किया गया कि महाराष्ट्र में आईपीएल मैचों के 3 स्टेडियम में करीबन 60,00000 लीटर पानी का इस्तेमाल होगा। जिसे लेकर हाईकोर्ट ने बीसीसीआई को काफी लताड़ लगाई है।
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हाईकोर्ट ने बीसीसीआई को फटकार लगाते हुए इसे पानी की बर्बादी बताया। कोर्ट ने कहा कि एक और जहां मराठवाड़ा के लोगों को तीन दिन से पानी नहीं मिल रहा, वहीं पानी की इतनी बर्बादी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसलिए मैच की जगह को शिफ्ट किया जाना चाहिए।
तो चलिए अब आपको बता देते हैं कि पानी के वेस्ट को लेकर किसने ये पीआईएल दायर की थी और इस पीआईएल में क्या खास था। इस पीआईएल को पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर ने दायर किया था। जिसमें उन्होंने आईपीएल के कमिश्नर से 1000 रुपये लीटर का हिसाब लगाकर उतना टैक्स को लेने की बात बोली है। उनका कहना है कि इंटरनेशनल मेंटेनेंस फॉर पिच गाइडलाइन्स के अनुसार हर एक मैच के लिए तैयार होने वाले ग्राउंड पर मेटेंनेंस में करीबन 3 लाख ली. के करीब पानी तो लगता ही है। वहीं आईपीएल के तो 20 मैच होने वाले हैं जो कि तीन ग्राउंडों पर होंगे। वो आईपीएल के कुल मैचों का कुल एक तिहाई है। जिसमें से मुंबई में 8 मैच होने हैं, पुणे में तीन मैच और नागपुर में 3 मैच होने हैं। जिसके 20 मैचों में पिच को तैयार करने और उसके रखरखाव में ही करीब 60,00000 लीटर पानी का इस्तेमाल किया जाएगा।
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इस पीआईएल को दायर करने वालों ने हाईकोर्ट में इस मामले को समझाने के लिए इन कारणों का सहारा लिया। जिसमें उन्होंने कहा कि लातूर जिले की जनता को हर रोज सिर्फ 55,000 लीटर पानी ही मिलता है। जिससे हर घर में सिर्फ 20 ली. पानी ही पहुंच पाता है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताते हुए इस पर संज्ञान लेने की बात कही।
बता दें कि सूखाग्रस्त होने की वजह से महाराष्ट्र के हालात काफी खराब हैं। 2016 में औसतन अब तक 90 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। कई जलाशयों में 4 प्रतिशत से भी कम पानी बचा है। वहीं, आईपीएल के 12 मैच नागपुर और पुणे में होने वाले हैं जो कि ज्यादा पानी की परेशानी झेल रहे हैं। वहीं इस मामले पर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आईपीएल मैचों के लिए टिकट पहले ही बेचे जा चुके हैं। ऐसे में मैचों को कैंसिल या उनकी जगह में बदलाव करना मतलब भारी नुकसान उठाना होगा।
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आईपीएल के चैयरमैन राजीव शुक्ला ने इस दौरान कहा कि “अगर महाराष्ट्र सरकार इस मामले को लेकर कोई प्रस्ताव लाती है तभी बीसीसीआई अध्यक्ष और हम सोचेंगे कि यहां के किसानों के लिए क्या कर सकते हैं और क्या किया जा सकता है।“ उन्होंने कहा कि “मैं अपने पार्लियामेंट्री फंड से मराठवाड़ा के कुछ गांवों को गोद भी लूंगा जिससे उनकी पानी की समस्या को हल कर सकूं। मैचों पर रोक लगाना बिल्कुल भी सही नहीं। मैच अपनी तय जगह पर ही होने चाहिए। जहां पानी का खपत का ध्यान दिया जाएगा।“
उनके अनुसार प्रदेश की पानी की समस्या को सुलझाने के लिए प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियों को एक साथ आना होगा। वहीं बीसीसीआई से भी जो मदद बन पड़ेगी उसेक लिए बीसीसीआई एकदम तैय़ार है।