कहा तो यह जाता है कि व्यक्ति जब किसी काम में दिल से जुट जाता है तो पूरी कायनात उसके काम को पूरा करने में जुट जाती है, लेकिन कभी कभार किसी काम को पूरी शिद्दत से करने के बाद भी हमारे पक्ष में नतीजा नहीं आ पाता। ऐसे में व्यक्ति उसमें सफलता पाने के लिए हर हदें पार कर देता है। ठीक ऐसा ही एक मामला राजस्थान के बहरोड तहसील के खोहरी गांव में देखने को मिल रहा है। इस गांव में एक व्यक्ति 46 बार दसवीं की परीक्षा दे चुका है, लेकिन उसे इसमें सफलता हासिल नहीं हुई। इस बार फिर से वह दसवीं की परीक्षा में शामिल हुआ है।
आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने 46 बार दसवीं की परीक्षा दी है और यह शख्स अब 47वीं बार की परीक्षा में दोबारा शामिल हुआ है।
कौन और कहां का है यह व्यक्ति-
राजस्थान के एक छोटे से गांव में रहने वाले इस व्यक्ति की कहानी भी बड़ी ही अजीब है। जो भी इसकी कहानी को सुनता है हैरान रह जाता है। राजस्थान के गांव खोहरी में रहने वाले इस शख्स का नाम है शिवचरण यादव। इन्हें दसवीं की परीक्षा पास करने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि शिवचरण यादव की जिंदगी ही बदल गई। शिवचरण यादव ने दसवीं की परीक्षा 46 बार दी है। इस वर्ष की परीक्षा में भी यह 47वीं बार शामिल होने जा रहे हैं। उन्हें हर बार की तरह ही इस बार भी उम्मीद है कि वो पास हो जाएंगे और उनकी कसम पूरी हो जाएगी। इस कसम को पूरी करने के कारण ही शिवचरण यादव की उम्र 82 वर्ष हो चुकी है, लेकिन वह आज भी पूरी शिद्दत के साथ परीक्षा देने में जुटे हैं।
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यह है उनकी कसम-
इस व्यक्ति ने कई वर्षों पहले यह कसम खाई थी कि अगर वह दूल्हा बनेंगे तो दसवीं पास दूल्हा ही बनेंगे। इस कसम के चलते ही शिवचरण यादव ने अभी तक शादी भी नहीं की है, लेकिन इस उम्र में उन्हें शादी से ज्यादा अपनी कसम को पूरा करने की चिंता सता रही है। इस परीक्षा में पास न होने के कारण और पढ़ाई के लिए इन्होंने अपने खेत भी बेच दिए हैं। साथ ही अपने पिता का घर भी छोड़ दिया है। अब वह गांव के ही एक मंदिर में रह रहे हैं और सरकार की योजनाओं में काम कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
वर्ष 1995 में वह गणित के अलावा सभी विषयों में पास हो गए थे, लेकिन पूरे विषयों में अभी तक पास नहीं हो सके हैं। इस बार भी इन्होंने इसी उम्मीद से परीक्षा दी है कि वह पास हो जाएंगे।