हमारा भारत देश, जिसे परंपराओं और मान्यताओं का देश कहा जाता है वहीं अगर हम अपने इस देश को अंधविश्वास का देश भी कहें तो गलत नहीं होगा। यहां पर अंधविश्वास के आपको ऐसे कई मामले मिल जाएंगे जहां कहीं आस्था के नाम पर अंधा खेल खेला जाता है तो कहीं अंधविश्वास और दावों के नाम पर। जिसके पीछे लोग पागलों की तरह चलना शुरू कर देते हैं। ऐसा ही अंधविश्वास का एक अंधा खेल यानि एक मामला आज हम आपके सामने लेकर आए हैं जो बिहार के समस्तीपुर का है।
यहां समस्तीपुर जिले के ताजपुर में एक मस्तान बाबा हैं जो अपने इलाज से महिलाओं की गोद भरने से लेकर हर तरह की बीमारी का इलाज का दावा करते हैं। वहीं जो लोग बच्चा ना होने की वजह से डॉक्टर से इलाज करा कर हार मान चुके होते हैं वह भी बच्चे की आस में इस बाबा के पास दूर-दूर से आते हैं। लोगों को बाबा के इलाज पर इस कदर भरोसा है कि कई महिलाओं को तो उनका परिवार यहां लेकर आता है। बता दें कि बाबा इलाज करने में सबसे पहले मरीजों को अगरबत्ती सुंघाते हैं। उसके बाद उसकी आंखों पर पानी के छींटे मारते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि फिर बेड पर लिटाकर महिलाओं के पेट को बड़ी बेदर्दी से हाथों से मसला जाता है। जरूरत पड़े तो उन्हें कई बार डंडे से भी पीटा जाता है तो कई बार इलाज में चाकू का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल महिलाओं को चीरा लगाने के लिए किया जाता है।
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इस पर मस्तान का कहना होता है कि वह ऐसा महिलाओं की कोख खोलने के लिए करता है। उसके पास ज्यादातर महिलाएं गोद भरने की उम्मीद लेकर ही आती हैं। बता दें कि इसके बदले में मस्तान उनसे मोटी रकम भी वसूलता है। वहीं देखा ये भी गया है कि ऐसे इलाजों की बदौलत कई हजार लोगों की जान भी जा चुकी है। मस्तान का ऐसा इलाज कई तरह से महिलाओं पर जुल्म होता है। जिसका कोई भी विरोध नहीं करता है बल्कि उनके पास आने वालों की तादात बढ़ती ही जा रही है। जिससे ये साबित होता है कि लोग इन अंधविश्वासों के चक्कर में किस हद तक पागल हो चुके हैं कि उन्हें उसके आगे कुछ नहीं दिखता।