“दुश्मन के हाथों मरना, लेकिन लड़कियों के नहीं”- आईएसआईएस

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आईएसआईएस, आतंकवादियों के ऐसे गिरोह का नाम जिसने कभी किसी का सिर कलम कर तो, कभी किसी को जिंदा या किसी को ऊंचाइयों से फेंक कर नामालूम कितने लोगों की जान ली है। हैरानी की बात यह है कि अब उसी आईएसआईएस को लड़कियों से डर लगने लगा है। आईएसआईएस के सरगना बगदादी ने अपने आतंकवादियों को एक ताजा फरमान जारी किया है। जिसमें उसने कहा है कि किसी भी दुश्मन के हाथों मर जाना, लेकिन लड़कियों के हाथों कभी मत मरना।

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अब आप जरूर सोच रहे होंगे कि बगदादी का ये फरमान ऐसे एकदम सामने क्यों आया। दरअसल बगदादी के गढ़ में ही लड़कियों ने आईएसआईएस के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं। आपने अगर वाईपीजे का नाम सुना नहीं है तो जान लें कि कुर्दिश भाषा में इसे पीपल प्रोटेक्शन यूनिट कहते हैं। जिसकी शुरूआत लड़कियों ने आम शहर के लोगों को आईएसआईएस के बढ़ते जुल्मों सितम से बचाने के लिए की थी। लड़कियों के ऐसे फौज खड़ी करने पर आईएसआईएस के खूंखार और बेरहम आतंकवादियों की हवा गुल हुई पड़ी है। बताते हैं कि इन लड़कियों का खौफ मौत के बाद भी आतंकवादियों का पीछा करता है। आतंकवादियों का मानना है कि अगर किसी लड़की के हाथों मारे जाएंगे तो उन्हें जन्नत भी नसीब नहीं होगी। जिसके चलते बगदादी की तरफ से ये फरमान जारी हुआ है।

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वहीं ये लड़कियां भी आतंकवादियों के इसी डर का जमकर फायदा उठा रही हैं। जिसके चलते इस वक्त इराक और सीरिया में 10 हजार से ज्यादा लड़कियां अलग-अलग लेडी ब्रिगेड का हिस्सा बनकर आईएसआईएस से टकरा रही हैं। बताते हैं कि इन ब्रिगेड में कुछ लड़कियां तो ऐसी फाइटर हैं जिन्होंने अकेले सौ-सौ से ज्यादा आतंकवादियों को मार डाला है।

साल 2014 अगस्त में इस लेडी ब्रिगेड की बुनियाद पड़ी। जब आईएसआईएस ने इराक में सिंजर की पहाड़ियों में जाकर छिपे यजीदी समुदाय को लूटने और उन्हें जड़ से बर्बाद करने की कोशिश की थी। तभी से इराक और सीरिया जैसे मुल्कों में तकरीबन 10 हजार लड़कियों की फौज आईएसआईएस से टक्कर ले रही है।

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