25 मार्च की देर रात लोकप्रिय नेता शेख मुजीब-उर-रहमान ने बांग्लादेश की आज़ादी की घोषणा की लेकिन 26 मार्च को ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश को आज़ादी की कीमत लाखों लोगों की जान के रूप में चुकानी पड़ी। खूनखराबे और कत्लेआम से बचने के लिए लाखों लोगों ने भागकर भारत में शरण ली। इसके बाद लगातार 9 महीनों तक लड़ाई चलती रही ये लड़ाई गृहयुद्ध बन गई हालात इतने बिगड़े कि भारत को हस्तक्षेप करना पड़ा और अंत में पाकिस्तानी सेना की हार हुई। 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया तब से लगातार इस दिन को बांग्लादेश विजय दिवस के रूप में मनाता आ रहा है।
1552 : गुरू अमरदास सिखों के तीसरे गुरू बने।
1668: इंग्लैंड ने बंबई पर अधिकार कर लिया।
1780 : ब्रिटेन के अखबार ब्रिट गैजेट और संडे मॉनीटर पहली बार रविवार के दिन प्रकाशित हुए।
1799 : नेपोलियन बोनापार्ट ने जापां फिलिस्तीन पर कब्जा किया।
1812: वेनेजुएला के काराकास में भीषण भूकंप, 20 हजार की मौत।
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1971: 26 मार्च को बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हो गया। 26 मार्च को बांग्लादेश स्वंतत्रता दिवस मनाता है।
1973: लंदन स्टॉक एक्सचेंज में 200 साल पुराने इतिहास को तोड़ते हुए पहली बार महिलाओं की भर्ती की थी.
1972 : भारत के राष्ट्रपति वी वी गिरि ने पहले अंतर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन का उद्घाटन किया.
1979: 30 साल से जारी युद्ध विराम के लिए इसराइल और मिस्र ने शांति समझौते पर हाथ मिलाए. यह समझौता अमेरिका द्वारा करवाया गया था.