ये है हमारे देश का कानून जहां एक ओर बीमारी के कारण आये झटके को नशे का नाम देकर दिल्ली के एक पुलिसकर्मी के सस्पेंड कर दिया जाता है, जबकि वह लगातार अपनी बेगुनाही का सबूत दे देकर हार गया। उसकी एक भी बात ना सुनते हुए उसे सस्पेंड कर दिया और जब उस सिपाही की पूरी रिपोर्ट बन कर आयी तब वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात का अहसास हुआ कि वह सिपाही की बीमारी थी ना कि नशा। वहीं दूसरी तरफ बिहार में जब ऑन ड्यूटी नशे की हालत में एक सिपाही ने सारी हदें पार कर डांसर के साथ ठुमके लगाए तो उसकी सजा क्या निश्चित की गई इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। शायद ऐसा इसलिए है क्योंकि ये बिहार की पुलिस है और इनके लिए सभी अपराध माफ हैं।
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जानकारी के अनुसार बिहार के कटिहार जिले में होली का जलसा मनाने के लिये डांसर को बुलाया गया था, जहां पर सभी लोग इस कार्यक्रम में होली के रंग में रंगने के लिये पहुंचे थे। वहीं इसी बीच कार्यक्रम में एक पुलिस कर्मी भी अचानक नशे की हालत में रिवाल्वर के साथ स्टेज पर चढ़ गया और डांसर के साथ ठुमके लगाने लगा।
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इस वीडियो को देखकर आप खुद ही सारी स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि डांस प्रोग्राम शुरू होने के कुछ देर बाद ही यह पुलिसकर्मी भी वहां पहुंच गया। उस समय वह नशे की हालत में था। नशे की इसीहालत में वह यहां टहलते हुये अचानक ही स्टेज पर राइफल लेकर चढ़ गया और डांस कर रही डांसर के साथ ठुमके लगाने लगा। वह करीब आधा घंटे तक मंच पर नाचता रहा।
कुछ इस तरह के पुलिस कर्मियों की वजह से ही पुलिस का नाम बदनाम होता है और कुछ अच्छे पुलिस वाले भी इनके घेरे में पड़ कर अपनी नौकरी खो बैठते हैं जैसा कि दिल्ली पुलिस के जवान सलीम के साथ हुआ। जिसकी बीमारी को नशा समझ कर हर जगह उसका काफी मजाक उड़ा औक उसे सस्पेंड कर दिया गया था। अब वह दिल्ली पुलिस कमिश्नर, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन,प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से अपने खोये हुये सम्मान को वापस लाने का मांग कर रहा है।