यह एक अच्छी खबर है कि अपना देश अब मेट्रो से एक कदम आगे बढ़कर पॉड टैक्सी की ओर जा रहा है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सरकार ने देश में पॉड टैक्सी चलाने की योजना बनाई है। यह पॉड टैक्सी दिल्ली के धौलाकुआं से मानेसर (हरियाणा) के बीच में चलेगी। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया गुड़गांव में पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) पर काम भी शुरू कर चुका है।
क्या है इस पॉड टैक्सी की खासियत-
अगर इस पॉड टैक्सी की खासियत की बात करें तो आपको सबसे पहले यह बता दें कि यह पॉड टैक्सी बिना पेट्रोल और डीजल के चलेगी। यही नहीं इसको चलाने के लिए किसी ड्राइवर की जरूरत भी नहीं पड़ती है। आपको अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए टैक्सी में लगे “टच स्क्रीन” पर अपना स्थान टाइप करना होता है। इस प्रकार आपको मेट्रो या रेल की तरह टिकट की लाइन में लगने से निजात भी मिलती है। आपका तय स्टेशन आते ही यह रुक जाती है और इसका दरवाजा अपने आप खुल जाता है। इस पॉड टैक्सी के सफर में आपको न तो रेड सिग्नल मिलता है और न ही ट्रैफिक क्योंकि यह सड़क के ऊपर चलती है।
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आखिर पॉड टैक्सी होती कैसी है-
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पॉड टैक्सी 4 से 6 सीट वाली ऑटोमेटिक व्हिकल होती है। आमतौर पर यह दो प्रकार की होती है। एक तो ट्रैक रूट पर चलने वाली और दूसरी केबिल के सहारे हैंगिग पॉड पर चलने वाली। इसकी स्पीड एक मिनट पर डॉकिंग सिस्टम होगी। यह एक ऐसी टैक्सी होती है जो चार्जेबल बैटरी से चलती है।
यूनियन रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने इस पॉड टैक्सी को मानेसर से धौलाकुआं के बीच चलाने की घोषणा की थी। इसके लिए केंद्र सरकार ने जापान की तर्ज पर दिल्ली-गुड़गांव के रूट पर इसको चलने की योजना बनाई है। अप्रैल के पहले सप्ताह में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।