भारत और पाकिस्तान के बीच के संबंधों में राजनैतिक और ऐतिहासिक मुद्दों की वजह से दूरियां बनी रहती हैं। अब इस मुद्दे पर दो पाकिस्तानी लड़कियां सुरैया इस्लाम और आलिया हरीर ने भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों की बात की। ये दोनों लड़कियां पेशे से सोशल वर्कर हैं और इनका मानना है कि दुश्मनी से ज्यादा आसान दोस्ती होती है। इन्होंने भारत के बारे में अपने देश की सोच भी बताई है।
ये हैं सुरैया और आलिया के शब्द-
दोनों ने कहा कि पाकिस्तान में भारत को दुश्मन समझा जाता है और भारत में पाकिस्तान को। फिल्मी दुनिया, राजनीति, यहां तक कि स्कूल की किताबों में भी यही दिखाया जाता है। जबकि हम सब एक जैसे ही हैं। हमारा एक ही तरीके का पहनना-ओढ़ना, खाना पीना और भाषा भी एक जैसी है। तो फिर दुश्मनी किस बात की है। सुरैया ने बताया कि इस दुश्मनी को खत्म करने के लिए हमने पहल की है जिसका नाम ‘आगाज-ए-दोस्ती’। इसका उद्देश्य दोनों देशों के स्कूली बच्चों को एक दूसरे से बात करवाना है ताकि उन्हें महसूस कराया जा सके कि भारत और पाकिस्तान के लोग एक जैसे हैं।
सुरैया और आलिया ने आगाज-ए-दोस्ती के बारे में बताया कि इसके तहत पाकिस्तान, लाहौर, कराची और इस्लामाबाद के स्कूल के बच्चों की दिल्ली और मुंबई के बच्चों से बात करवाई जाती है। इन दोनों की इस कोशिश को दिल्ली में डिजिटल एम्पॉवरमेंट फाउंडेशन ने कम्युनिकेशन एडवोकेसी एंड डेवलपमेंट कैटेगरी में अवॉर्ड से नवाजा गया।
पाकिस्तान की नजरों में हैं ये गद्दार-
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सुरैया और आलिया ने कहा कि हमारे इस प्रयास को अंजाम तक पहुंचाना बहुत मुश्किल था। हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। दोनों ने कहा कि हमें स्कूलों से परमिशन लेने में काफी महीने लगे और प्रिंसिपल, एजुकेशन डिपार्टमेंट से इजाजत लेनी थी। दिल्ली के कुछ दोस्तों ने उनकी दिल्ली और मुंबई के स्कूलों से संपर्क साधने में मदद की, लेकिन इनकी इस कोशिश को पाकिस्तान में अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। यहां तक कि सुरैया और आलिया को गद्दार कहा जाता है। जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव होता है तो इनके कॉल डिटेल और अकाउंट की जानकारी ली जाती है। दोनों की ये ख्वाहिश है कि युवा पीढ़ी एक दूसरे को नफरत की निगाहों से ना देखे। आखिर में दोनों ने कहा कि हम अपनी कोशिश जारी रखेंगे।